महाकुंभ के लिए 35 लोगों संग 2000 किमी की यात्रा पर निकलीं बुलेट वाली महंत, कौन हैं राजलक्ष्मी पांडा?

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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से महंत राजलक्ष्मी पांडा ने 2000 किलोमीटर लंबी बुलेट यात्रा की शुरुआत की है.

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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से महंत राजलक्ष्मी पांडा ने 2000 किलोमीटर लंबी बुलेट यात्रा की शुरुआत की है. देशभर में "बुलेट रानी" के नाम से मशहूर राजलक्ष्मी पांडा ने इस यात्रा का नारा "आओ कुंभ नहाओ" दिया है. यात्रा 9 जनवरी को भदोही जिले के सुंदरवन द्वादश ज्योतिर्लिंग संगम क्षेत्र से शुरू हुई. यह यात्रा 32 जिलों से होकर 20 जनवरी को प्रयागराज में समाप्त होगी. इस दौरान महंत के साथ 35 लोगों की टीम भी यात्रा में शामिल है. 

महाकुंभ का संदेश फैलाने का उद्देश्य

महंत राजलक्ष्मी पांडा का कहना है कि महाकुंभ सनातन धर्म का पवित्र पर्व है. इस आयोजन का उद्देश्य लोगों को मोक्ष प्राप्ति और आध्यात्मिक जीवन के महत्व को समझाना है. उन्होंने कहा, "यह हमारी संस्कृति और धर्म का महान पर्व है. कुंभ स्नान से जीवन पवित्र होता है. हमारा लक्ष्य इस संदेश को हर घर तक पहुंचाना है."

12 दिनों में 32 जिलों की यात्रा

यह यात्रा वाराणसी, गाजीपुर, अयोध्या, लखनऊ, मथुरा, कानपुर, चित्रकूट, और दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों से होकर गुजरेगी. यात्रा के दौरान जगह-जगह महंत और उनकी टीम का स्वागत किया जा रहा है.

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‘बुलेट रानी’ के प्रेरणादायक सफर

महंत राजलक्ष्मी पांडा पहले भी अपने अभियानों के लिए चर्चा में रही हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाने के लिए पूरे देश का बुलेट से भ्रमण किया था. अब वह महाकुंभ के महत्व को प्रचारित करने के लिए इस यात्रा पर निकली हैं.

आओ कुंभ नहाओ

यात्रा के दौरान महंत राजलक्ष्मी ने लोगों से महाकुंभ में भाग लेने की अपील की. उन्होंने कहा, "महाकुंभ सनातन का हर्ष और मोक्ष का पर्व है. हम पूरे देश को संदेश देना चाहते हैं कि इस आयोजन में भाग लें और अपने जीवन को पवित्र करें."

महाकुंभ का महत्व

महाकुंभ 14 जनवरी 2025 से शुरू हो रहा है. यह भारत की आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है. महंत राजलक्ष्मी ने बताया कि उनकी यात्रा का मकसद इस पर्व की महत्ता को जन-जन तक पहुंचाना है.

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