यूक्रेन से लौटने वाले मेडिकल छात्रों के लिए नियमों में ढील दी जाए: वरुण गांधी

भाषा

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद वरुण गांधी ने रविवार को कहा कि यूक्रेन से लौटने वाले मेडिकल छात्रों को नियमों में ढील देकर उन्हें भारतीय संस्थानों में समायोजित किया जाना चाहिए.

गांधी ने इसके लिए मेडिकल कॉलेजों के प्रवासी भारतीय (एनआरआई) कोटा का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यूक्रेन विवाद ने हजारों छात्रों को मानसिक रूप से तोड़ दिया है. एक तरफ युद्धभूमि की कड़वी स्मृतियां हैं और दूसरी तरफ अधर में लटका हुआ भविष्य.’’

गांधी ने कहा, ‘‘हमें नियमों को शिथिल कर भारतीय संस्थानों में इन छात्रों का समायोजन करना होगा. उनकी और उनके अभिभावकों की चिंता, हमारी चिंता होनी चाहिए.’’

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यूक्रेन में पढ़ रहे 20,000 से अधिक भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त देश से निकालने की प्रक्रिया जारी है.

उन्होंने कहा कि इनमें से कई छात्रों के लिए, यूक्रेन में शिक्षा ग्रहण करने का मतलब है कि ऐसे कॉलेज में पढ़ने के लिए अपनी बचत के 15-30 लाख रुपये खर्च करना, जो शायद अब तक नष्ट हो चुका है.

गांधी ने सुझाव दिया कि इस प्रकार के छात्रों के लिए भारत के मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटा का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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उन्होंने कहा कि इन छात्रों को समायोजित करने से भविष्य में कोई वैश्विक महामारी आने की स्थिति में मेडिकल प्रणाली में सुधार करने में मदद मिलेगी.

यूक्रेन संकट की पृष्ठभूमि के बीच राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने कहा कि कोविड-19 या युद्ध जैसी स्थितियों के कारण इंटर्नशिप (प्रशिक्षण) पूरी नहीं कर पाने वाले विदेशी मेडिकल स्नातक छात्र भारत में इसे पूरा कर सकते हैं.

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