गाय पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने की टिप्पणी, इन मुस्लिम नेताओं समेत सामने आए ये खास बयान

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार 1 सितंबर को कहा कि गाय भारत की संस्कृति का अहम हिस्सा है और इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए. हाई कोर्ट की इस टिप्पणी पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मुईन अहमद, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजमइ, यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा और एसपी नेता अनुराग भदौरिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

अपने बयान में नईम अहमद ने क्या कहा?

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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मुईन अहमद ने अपने बयान में कहा है, “मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कोर्ट के आदेश का स्वागत करता है और केंद्र सरकार से मांग करता है कि वह जल्द से जल्द गोवध के खिलाफ कानून बनाए.”

उन्होंने आगे कहा, “इस कानून को पूरे देश में लागू किया जाए. इससे हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब को आगे बढ़ने में एक मदद मिलेगी.”

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“इस्लाम में गोमांस को अनिवार्य करार नहीं दिया गया है”

अहमद के मुताबिक, “इस्लाम में कहीं भी गोमांस को अनिवार्य करार नहीं दिया गया है. इसलिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया और सूफी विचारधारा को मानने वाले इस बात को मानते हैं कि इस कानून के बनने के बाद हिंदुस्तान में सद्भाव का माहौल पैदा होगा.”

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“बीजेपी गाय के संरक्षण में विफल रही है”

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, “यूपी में हमने हमेशा गाय की स्थिति का मुद्दा उठाया है, जिसके पास आश्रय और भोजन नहीं है. बीजेपी गाय के संरक्षण में विफल रही है.”

“केंद्र सरकार को इस पर गौर करना चाहिए”

दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजमइ ने कहा, “गाय के संरक्षण के लिए कानून बनना चाहिए ताकि गाय की हिफाजत और उसका सम्मान हो सके. मुझे लगता है कि इस पर केंद्र सरकार को भी गौर करना चाहिए, ताकि हमारे जो हिंदू भाई हैं उनकी आस्था का सम्मान हो सके और गाय की सुरक्षा भी की जा सके.”

“जब से बीजेपी सरकार में आई है गाय दर-दर भटक रही है”

एसपी नेता अनुराग भदौरिया ने कहा, “गाय हमारी माता है लेकिन जब से बीजेपी सरकार में आई है गाय दर-दर भटक रही है. बीजेपी गाय पर राजनीति तो कर सकती है पर उसका संरक्षण नहीं.”

“गाय के संरक्षण को लेकर बीजेपी सरकार संकल्पित”

यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा है, “गाय के संरक्षण को लेकर बीजेपी सरकार संकल्पित है. उनके रखरखाव से लेकर संरक्षण तक सरकार ने कदम उठाएं. हम कोर्ट के सुझाव का स्वागत करते हैं क्योंकि गाय प्रदेश ही नहीं देश के लिए पूजनीय है.”

“गौ-संरक्षण पर हाई कोर्ट के फैसले को गंभीरता से लेने की जरूरत”

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, “गौ-संरक्षण पर हाई कोर्ट के फैसले को गंभीरता से लेने की जरूरत है. बीजेपी इसे संवैधानिक तौर पर ले, यूपी में गोवंश पर रोक है लेकिन गोवा और असम में छूट है, इसका एक राष्ट्रीय स्वरूप होना चाहिए.”

कोर्ट ने इस मामले में और क्या-क्या कहा?

दरअसल, कोर्ट ने ये टिप्पणी जावेद नाम के एक शख्स को जमानत देने से इनकार करते हुए कही. जावेद के खिलाफ उत्तर प्रदेश में गोहत्या रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ था.

जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा कि सरकार को संसद में बिल लाकर गाय को मौलिक अधिकार में शामिल करते हुए उसे राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि गाय को नुकसान पहुंचाने की बात करने वालों के खिलाफ कड़े कानून बनाए जाने चाहिए.

कोर्ट के आदेश में कहा गया है, ”जब गाय का कल्याण होगा, तभी इस देश का कल्याण होगा.”

जस्टिस यादव ने कहा, ”कभी-कभी यह देखकर बहुत कष्ट होता है कि गाय संरक्षण की बात करने वाले ही गाय के भक्षक बन जाते हैं. सरकार गोशाला का निर्माण तो कराती है, लेकिन उसमें गाय की देखभाल करने वाले लोग ही गाय का ध्यान नहीं रखते हैं.”

इनपुट्स (कुमार अभिषेक, संतोष शर्मा, अभिषेक मिश्रा)

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