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आतिशबाजी का असर! नोएडा-गाजियाबाद में AQI पहुंचा 999 पर, इतना ही रिकॉर्ड कर सकता है सिस्टम

कुमार कुणाल

दिवाली पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट से मिली तमाम समझाइशों के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई है. इसका सीधा असर वायु प्रदूषण के स्तर पर पड़ा…

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दिवाली पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट से मिली तमाम समझाइशों के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई है. इसका सीधा असर वायु प्रदूषण के स्तर पर पड़ा है. नोएडा, गाजियाबाद समेत NCR की हवा में प्रदूषण खतरनाक स्तर को भी पार कर गया है. नोएडा और गाजियाबाद में तो एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 999 मापा गया है.

यह AQI मापने की अधिकतम सीमा है. इससे अधिक का विकल्प सिस्टम में मौजूद ही नहीं है. यानी नोएडा और गाजियाबाद की हवा सेहत के लिए खतरनाक श्रेणी के उच्चतम स्तर को भी पार कर गई है.

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नोएडा के सेक्टर 62, सेक्टर 1, सेक्टर 116, 125, नॉलेज पार्क में AQI 999 मापा गया है. इसी तरह गाजियाबाद के इंदिरापुरम, वसुंधरा में AQI ने 999 का आंकड़ा छुआ है. कई जगहों पर यही हाल दिल्ली में भी देखने को मिला है.

आपको बता दें कि कि 0-50 के बीच एक्यूआई को ”अच्छा”, 51-100 के बीच ”संतोषजनक”, 101-200 के बीच ”मध्यम”, 201-300 के बीच ”खराब”, 301-400 के बीच ”बहुत खराब”, और 401-500 के बीच को ”गंभीर” माना जाता है. यानी एनसीआर और दिल्ली की आबोहवा गंभीर श्रेणी के प्रदूषण में बदल गई है.

आपके लिए कितना खतरनाक?

शारीरिक रूप से कमजोर लोगों के अलावा इस तरह के AQI लेबल में सांस लेना किसी स्वस्थ व्यक्ति को भी बीमार बना सकता है. हवा में फैले जहरीले कण (PM2.5) लोगों को फेफड़े और हृदय संबंधी परेशानियों में डाल सकते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सांस संबंधित दूसरी समस्याओं के शिकार लोगों के लिए ऐसी आबोहवा कुछ ज्यादा ही खतरनाक है. ऐसे में एक्सपर्ट्स की तरफ से अच्छी क्वॉलिटी के एन-95 मास्क के इस्तेमाल की सलाह भी दी जाती है.

डॉक्टर बताते हैं कि यह प्रदूषण बुजुर्ग और बच्चों के लिए बहुत हानिकारक है. बहुत जरूरी काम हो तब ही बुजुर्ग और बच्चों को घर से बाहर लेकर निकलें, वरना घर के अंदर ही रहने की सलाह दी जा रही है.

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