महाकुंभ के लिए पहुंचे गीतानंद गिरी, इनके सिर पर है 45 KG का रुद्राक्ष, तस्वीरों में जानें पूरी कहानी

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प्रयागराज के महाकुंभ में श्रद्धालुओं के साथ ऐसे अद्भुत हठयोगी भी पहुंचे हैं, जो अपनी अनोखी साधना से सबको हैरान कर रहे हैं.

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प्रयागराज के महाकुंभ में श्रद्धालुओं के साथ ऐसे अद्भुत हठयोगी भी पहुंचे हैं, जो अपनी अनोखी साधना से सबको हैरान कर रहे हैं. कोई 9 साल से हाथ उठाए हुए है, तो कोई 11 साल से लगातार खड़ा है.
 

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आगामी 13 जनवरी को प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मकर संक्रांति के स्नान के साथ ही महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी. यहां एक-एक कर अखाड़े का पहुंचना जारी है. इन अखाड़ों में एक से बढ़कर एक हठयोगी पहुंच चुके हैं और अपनी धूनी रमा रहे हैं. 
 

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इन्हीं में एक हैं गीतानंद गिरी जिनके सिर पर 45 किलो का रुद्राक्ष है. 24 घंटे में तकरीबन 12 घंटे रुद्राक्ष गीतानंद गिरी के सिर पर मौजूद होता है.  
 

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इसके बारे में पूछने पर गीतानंद गिरी कहते हैं कि जनकल्याण और हिंदुत्व के लिए यह हठयोग है. यह हठयोग उन्होंने अपने गुरु से सीखा है. 
 

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गीतानंद गिरी का कहना है कि उनके माता-पिता ने उनके गुरु को बचपन में ही सौंप दिया था, तभी से यह हठयोग है. 
 

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उन्होंने कहा, "बचपन से मैं ऐसा ही हूं. सब कुछ सामान्य है. कोई असर नहीं होता." इस तरह के न जाने कितने हठयोगी इस महाकुंभ में पहुंच रहे हैं, जो हठयोग से लोगों को अचंभित कर रहे हैं.

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