नवमी के दिन बन रहा बुधादित्य और गजकेसरी योग, कर लीजिए ये काम हो जाएंगे धनवान
नवरात्रि की नवमी तिथि (9वां दिन) अत्यंत विशेष है. इस दिन शुभ योगों का निर्माण हुआ है, जो आपकी दरिद्रता दूर करके आपको धनवान बना सकते हैं.
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नवरात्रि की नवमी तिथि (9वां दिन) अत्यंत विशेष है. इस दिन शुभ योगों का निर्माण हुआ है, जो आपकी दरिद्रता दूर करके आपको धनवान बना सकते हैं. अंक ज्योतिष में 9 को पूर्णता का अंतिम अंक माना गया है, इसलिए यह तिथि संपूर्ण नवरात्रि का फल देने की क्षमता रखती है.

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अंक 9 सिंगल डिजिट्स (एकल अंक) में सबसे आखिरी है, इसलिए इसे 'अंतः' (समाप्ति) का अंक कहा जाता है. जब कोई भी चीज 9 के अंक से जुड़ जाती है, तो वह सबसे महत्वपूर्ण और पूर्ण मानी जाती है. इसी कारण नवरात्रि की नवमी तिथि को शक्ति और पूर्णता का सबसे बड़ा दिन माना जाता है.

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ज्योतिषी पंडित शैलेंद्र पांडेय के मुताबिक हर तिथि के एक विशेष देवी-देवता होते हैं. नवमी तिथि की स्वामिनी स्वयं माता दुर्गा हैं. इसीलिए यह तिथि अपने आप में सबसे अधिक प्रभावशाली होती है. इस एक दिन की पूजा पूरे नौ दिन की नवरात्रि का फल दे सकती है.

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नवमी तिथि पर नवदुर्गा के नौवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है. ज्योतिष के अनुसार, नवदुर्गा के सभी नौ स्वरूपों में माता सिद्धिदात्री का स्वरूप सबसे अधिक महत्वपूर्ण और सिद्धिदायक माना जाता है. इनकी पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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नवमी पर अपनी आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए दोपहर के समय विशेष हवन करने का विधान है. इसके लिए एक वर्गाकार हवन कुंड का प्रयोग करें. हवन में इस्तेमाल के लिए आम की लकड़ी (आम्रकाष्ठ) सर्वोत्तम मानी गई है.

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सबसे पहले, हवन कुंड में लकड़ी जलाकर पांच बार घी की आहुति दें. इसके बाद, काले तिल, जौ और घी मिली हुई हवन सामग्री से 108 बार आहुति देनी है.
मंत्र: आप इन दो मंत्रों में से किसी एक का प्रयोग कर सकते हैं: ॐ दं दुर्गायै स्वाहा, ऐं क्लीं चामुण्डायै विच्चे स्वाहा

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108 आहुतियां पूरी होने के बाद, देवी से अपनी गलतियों की क्षमा मांगें और विशेष कृपा की प्रार्थना करें. इसके बाद, शाम या रात के समय भी पहले के आठ दिनों की तरह देवी की पूजा जारी रखें. शास्त्रों के अनुसार, नवमी पर कन्याओं को साक्षात् देवी मानकर उनका पूजन अवश्य करना चाहिए.

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जो भक्त विधि-विधान से नवमी तिथि पर माता सिद्धिदात्री की उपासना, हवन और कन्या पूजन करते हैं, उन्हें संपूर्ण नवरात्रि का फल एक ही दिन में मिल जाता है. माता की कृपा से उन्हें जीवन में सिद्धि (सफलता) प्राप्त होती है और उनके घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती.