गोंडा: पान की दुकान से बच्चों को पाला, बेटी ज्योति चौरसिया UPPSC में 21वीं रैंक ला बनी SDM

अंचल श्रीवास्तव

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स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को संदेश देते हुए एक बार कहा था कि ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल मिल न जाए’. स्वामी विवेकानंद के इस संदेश को अपनाकर गोंडा में एक पान वाली की बेटी ने यूपीपीसीएस 2022 में 21वां स्थान हासिल कर अपने सपने को साकार कर लिया है. गोंडा की ज्योति चौरसिया ने UPPSC 2022 में 21वीं रैंक लाकर SDM बन गई है. यह सफलता ज्योति को 6वीं प्रयास में मिली है. ज्योति बताती हैं कि उन्हें गोंडा के तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ रोशन जैकब से काफी प्रेरणा मिली है.

ढोल-नगाड़े से हुआ स्वागत

जब ज्योति लखनऊ से अपने घर गोंडा आईं तो उनका स्वागत ढोल-नगाड़े से हुआ. क्या घर, क्या पड़ोसी, सबने माला-आरती से ज्योति का स्वागत किया. ज्योति के यहां उनको बधाई देने वालो का तांता लगा रहा. ज्योति के पिता हेम चंद चौरसिया बताते हैं कि आज मन बहुत प्रसन्न है. बेटी ने वह कर दिखाया है, जिसकी उम्मीद बेटे से की थी. लेकिन आर्थिक संकट के चलते वह न कर सका.

पान की दुकान से कमाई कर बच्चों को पढ़ाया

ज्योति के पिता हेमचंद चौरसिया मूल रूप से देवरिया जिले के रहने वाले हैं और वह साल 1997 में नौकरी की तलाश में गोंडा आए थे और यहीं बस गए. हेमचंद चौरसिया पान की दुकान से ही कमाई कर अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दी. ज्योति दो बहन और एक भाई हैं. ज्योति का बड़ा भाई संदीप भी पढ़ने में जहीन रहा, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इसके बावजूद पिता ने बेटी की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी और आखिरकार ज्योति ने परचम लहरा ही दिया.

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नहीं हारी हिम्मत

ज्योति ने गोंडा में ग्रेजुएशन किया और लखनऊ में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी शुरू की. ज्योति के मुताबिक जब उन्होंने 2015 से यूपीपीसीएस का एग्जाम देना शुरू किया, तब वह प्री का पेपर भी नहीं निकाल पाती थीं. मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लक्ष्य के प्रति जुटी रहीं. इस बार 6वें प्रयास में ज्योति ने पहली बार प्री भी निकाला, मेंस भी क्लियर किया और इंटरव्यू भी पास कर एसडीएम बन गईं.

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