अतीक की हत्या के बीच सुंदर भाटी का नाम चर्चा में! क्या है कनेक्शन, जानिए दुर्दांत की कहानी

संतोष शर्मा

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माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में गोली मार कर हत्या कर दी गई. हत्याकांड को अंजाम देने के बाद तीनों शूटर्स ने सरेंडर भी कर दिया. अब इस मामले में एक और गैंगस्टर का नाम आया है. बता दें कि अतीक-अशरफ हत्याकांड का मुख्य आरोपी सनी सिंह गैंगस्टर सुंदर भाटी का गुर्गा बताया जा रहा है. इस खुलासे ने पुलिस को भी सकते में डाल दिया है. बता दें कि गैंगस्टर सुंदर भाटी फिलहाल सोनभद्र जेल में बंद है.

जिस पिस्टल से चली ताबड़तोड़ गोलियां, वह कहां से मिली

आपको बता दें कि तुर्की मेड पिस्टल से अतीक और अशरफ को गोलियां मारी गई हैं. तुर्की मेड जगाना पिस्टल भारत में बैन है और इसकी कीमत करीब 6 से 7 लाख रुपय है. आशंका जताई जा रही है कि अतीक और अशरफ हत्याकांड में इस्तेमाल हुई पिस्टल सनी सिंह को सुंदर भाटी के नेटवर्क से ही मिली है.

अब आपके मन में सवाल आया होगा कि आखिर ये गैंगस्टर सुंदर भाटी कौन है?  क्राइम की दुनिया में इसका कितना बड़ा नाम है? माफिया डॉन अतीक और अशरफ का सुंदर भाटी से क्या कनेक्शन है? हम आपको इन सभी सवालों का जवाब देंगे.

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कौन है सुंदर भाटी

सुंदर भाटी पश्चिम उत्तर प्रदेश का बड़ा गैंगस्टर है. इसके खिलाफ 60 से अधिक गंभीर केस दर्ज है. इसपर हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी, लूट और मारपीट समेत कई केस दर्ज हैं. आपको बता दें कि सुंदर भाटी को बीते साल ही हरेंद्र प्रधान की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है. फिलहाल सुंदर भाटी सोनभद्र जेल में बंद है. मगर आज से करीब डेढ़ साल पहले सुंदर भाटी उत्तर प्रदेश की हमीरपुर जेल में बंद था.

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इस दौरान सनी सिंह भी लूट के एक मामले में हमीरपुर जेल में ही बंद था. माना जा रहा है कि इसी दौरान सुंदर भाटी और सनी सिंह की मुलाकात हुई और सनी सिंह सुंदर भाटी गैंग के लिए काम करने लगा. माना जा रहा है कि जेल से बाहर आने के बाद सनी सिंह सुंदर भाटी के गुर्गों से जा मिला और उसके लिए ही काम करने लगा.

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ये है सुंदर भाटी का आपराधिक इतिहास

एक जमाने में पश्चिम उत्तर प्रदेश में जरायम की दुनिया का सबसे खतरनाक नाम सुंदर भाटी रहा है.  यूपी पुलिस से लेकर दिल्ली और हरियाणा पुलिस के लिए सुंदर भाटी किसी चुनौती से कम नहीं था.

ग्रेटर नोएडा के गंगोला का रहने वाला सुंदर भाटी कभी गाजियाबाद लोनी इलाके के सबसे बड़े गैंगस्टर सतवीर गुर्जर का खास हुआ करता था. सतवीर गुर्जर की दोस्ती ग्रेटर नोएडा के रिठोरी गांव के रहने वाले नरेश भाटी से थी.

नरेश भाटी, गांव में परिवार वालों की हत्या का बदला लेने के लिए सतवीर गुर्जर के संपर्क में आया. यही नरेश भाटी और सुंदर भाटी के बीच दोस्ती शुरू हो गई.  नरेश भाटी और सुंदर भाटी के बीच की दोस्ती यूपी, दिल्ली, हरियाणा के गैंगस्टर्स में भी मशहूर थी. दोस्ती की वजह से ही नरेश भाटी के परिवार वालों की मौत का बदला सुंदर भाटी ने ले लिया. मगर जल्दी ही यह दोस्ती दुश्मनी में बदल गई.

एक ट्रक यूनियन ने तुड़वाई 2 गैंगस्टरों के बीच दोस्ती

बताया जाता है कि एक ट्रक यूनियन पर कब्जा करने के चलते सुंदर भाटी और नरेश भाटी के बीच की दोस्ती टूट गई और ये दुश्मनी में बदल गई. दोनों गैंगस्टर इस ट्रक यूनियन पर कब्जे की कोशिश में थे.

नरेश भाटी का इरादा इस ट्रक यूनियन की राजनीति के माध्यम से मुख्य राजनीति में आकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का था. तो वहीं सुंदर भाटी ट्रक यूनियन पर खुद भी कब्जा करना चाहता था. इसी को लेकर इन दो गैंगस्टरों के बीच दुश्मनी शुरू हो गई. इसी बीच ट्रक यूनियन के अध्यक्ष की हत्या कर दी गई.

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सुंदर भाटी ने कर डाली नरेश भाटी की हत्या

बताया जाता है कि 2003 में नरेश भाटी जिला पंचायत अध्यक्ष बन गया. नरेश भाटी माननीय बनकर लाल बत्ती की गाड़ी में घुमने लगा, लेकिन ये बात सुंदर भाटी को नागवार गुजरी. सुंदर भाटी ने साल 2003 में नरेश भाटी पर हमला बोल दिया.

इस हमले में नरेश भाटी का गनर और ड्राइवर मारे गए. मगर नरेश भाटी बच गया. मगर सुंदर भाटी ने नरेश भाटी पर दूसरा हमला करवा दिया. मार्च 2004 में नरेश भाटी शादी समारोह से लौट रहा था. तभी सुंदर भाटी ने उसे गोलियों से भून दिया. इस हमले में नरेश भाटी के साथ उसके दो अन्य साथी भी मारे गए.

नरेश भाटी गैंग की कमान बदली मगर…

नरेश भाटी की मौत के बाद गैंग की कमान उसके छोटे भाई रामपाल भाटी ने संभाली. मगर  2006 में पुलिस ने उसका भी एनकाउंटर कर दिया. रामपाल भाटी के बाद गैंग की कमान सबसे छोटे भाई रणदीप और उसके भांजे अमित कसाना ने संभाली, लेकिन रणदीप को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बदला लेने के लिए अमित कसाना ने 18 नवंबर 2011 को गाजियाबाद के एक बैंक्वेट हॉल में सुंदर भाटी पर उस वक्त हमला बोल दिया जब वह अपने साले की शादी में शामिल होने आया था. अमित कसाना गैंग के इस हमले में सुंदर भाटी तो बच गया, लेकिन 3 अन्य लोग मारे गए.

लंबे समय से फरार चल रहे सुंदर भाटी को आखिर यूपी पुलिस ने साल 2014 में गिरफ्तार कर लिया. तभी से सुंदर भाटी यूपी की कई जेलों में बंद रहा. 6 अप्रैल 2021 को सुंदर भाटी को एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. वर्तमान में सुंदर भाटी सोनभद्र जेल में बंद है.

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