कुतुब मीनार से भी ऊंचे ट्विन टॉवर 12 सेकेंड में होंगे जमींदोज, जानिए इस इमारत का A टू Z

विवेक मिश्रा

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UP News : देश में पहली बार 40 मंजिला ट्विन टॉवर को 28 अगस्त को धमाके के साथ गिराया जाएगा. इसे गिराने के लिए अफ्रीकन कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग को जिम्मा दिया गया है. उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 93ए में खड़े ये गगनचुबी टॉवर आसपास की लगभग सभी सोसाइटियों से ऊंचे हैं. दूर से ही दिखाई दे रहे 100 मीटर की ऊंचाई वाला अपेक्स और 97 मीटर की ऊंचाई का सियान 12 सेकेंड में धराशाई हो जाएंगे. खास बात ये है कि ये दोनों टॉवर दिल्ली के पर्यटन स्थल कुतुब मीनार (72.5 मीटर) से भी ऊंचे हैं. आइए जानते हैं इस इमारत के बनने और विवाद में पड़ने से लेकर तोड़ने तक की तैयारियों का A टू Z.

28 अगस्त को सेक्टर 93ए में स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दो टॉवर अपेक्स और सियान को गिराया जाएगा. इसके लिए एडिफिस इंजीनियरिंग ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. पूरी बिल्डिंग में बारूद लगाने का काम पूरा कर लिया गया है. महज 12 सेकेंड में ये 40 मंजिली इमारत जमींदोज हो जाएगी. ब्लास्ट के दौरान पूरे इलाके में पुलिस की मुस्तैदी होगी. एटीएस गांव और सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के लगभग 5,000 निवासियों को विध्वंस के समय अपने घर खाली करने के लिए कहा गया है.

एक अगस्त से शुरू हुआ था बारूद लगाने का काम

Noida News Hindi : बताया जा रहा है कि बारूद लगाने के लिए कंपनी ने पूरी बिल्डिंग में करीब 10 हजार से ज्यादा होल किए हैं. 1 अगस्त से बारूद लगाने का काम शुरू हुआ जो 20 दिन से भी ज्यादा चला. दोनों टॉवर को पूरी तरह से ह्वाइट और ब्लैक कलर के जिओ टेक्सटाइल से ढक दिया गया है ताकि मलबा आसपास न बिखर पाए. प्रशासन पहले से ही विध्वंस स्थल का निरीक्षण कर तैयारियों की जांच कर रहा है. एक टास्क फोर्स समूह भी आसपास के निवासियों को विध्वंस के दिन के लिए के लिए तैयार कर रहा है. विध्वंस के दिन शहर के कई मार्ग बंद होंगे और रूट डायवर्ट किया जाएगा. इसके लिए ट्रैफिक पुलिस भी अलर्ट मोड पर है. ट्रैफिक डीसीपी गणेश प्रसाद शाह भी मौके पर पहुंचकर जायजा ले रहे हैं.

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10 अप्रैल को हुआ था ट्रायल ब्लास्ट

Noida Twin Tower Demolition : एडफिस इंजीनियरिंग ने 10 अप्रैल को ट्विन टॉवर पर ब्लास्ट का ट्रायल किया था. टेस्ट ब्लास्ट में बताया गया कि दोनों ही इमारत काफी मजबूत हैं. उसी समय इस बात का अंदाजा लगाया गया था कि दोनों इमारतों को गिराने के लिए करीब 3500-4000 किलो बारूद की जरूरत है. मुंबई स्थित एडिफिस इंजीनियरिंग के पार्टनर उत्कर्ष मेहता, जो विध्वंस में माहिर हैं, ने डेली ओ को बताया कि वे आवश्यक सावधानी बरत रहे हैं. 28 अगस्त को विध्वंस को देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ने की संभावना है. इसमें खास बात ये है कि पहले इस इमारत को 22 मई को तोड़ा जाना था पर कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा. कंपनी का तर्क था कि वे इस इमारत को जितना मजबूत समझ रहे थे ये इस उम्मीद से कहीं ज्यादा मजबूत हैं.

ये ट्विन टॉवर न तोड़े जाते तो क्या होता?

अब सवाल ये उठता है कि यदि ये ट्विन टॉवर न तोड़े जाते तो क्या होता? सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में अपार्टमेंट 7,500 रुपये प्रति वर्ग फुट के लिए बेचे जाते. सुपरटेक का एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में 3, 4 और 5 बीएचके अपार्टमेंट हैं जो एक करोड़ 31 लाख रुपये से लेकर 3 करोड़ 24 लाख रुपये तक के थे. अगर हम सुपरटेक ट्विन टावर्स के लिए बेंचमार्क के रूप में अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में 3 बीएचके लेते हैं, तो एक अपार्टमेंट की लागत 1.31 करोड़ रुपये होगी, और यह सबसे कम है. ऐसे में 915 फ्लैटों के साथ, सुपरटेक ट्विन टावर्स ने 1,198 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई होती. पर दुर्भाग्य से बिल्डर की गलतियों से कहानी कुछ और ही है.

जानिए कैसे हैं ये ट्विन टॉवर

Supertech Twin Towers : यहां दो टॉवर हैं एक अपेक्स और दूसरा सियान. अपेक्स की ऊंचाई 100 मीटर की है. वहीं सियान 97 मीटर ऊंचा है. अपेक्स में 32 फ्लोर हैं जबकि सियान में 31 फ्लोर हैं. दोनों को बनाने में 3 साल लगे थे. सुपरटेक ने दोनों के निर्माण में 933 रुपये प्रति वर्ग फुट से खर्च किया. यानी कुल 70 करोड़ रुपए की लागत आई थी. बिल्डिंग में कुल 915 अपार्टमेंट्स, 21 कॉमर्शियल शॉप, 2 बेसमेंट हैं. इस बिल्डिंग का एक अरब का इनश्योरेंश कवर है.

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जानिए कितना खर्च आएगा तोड़ने में?

237 रुपए प्रति वर्गफीट के हिसाब से 20 करोड़ रुपए तोड़ने का खर्च है. अब सवाल ये उठता है कि ये खर्च कौन देगा? दिवालिया कंपनी सुपरटेक को विध्वंस के लिए भुगतान करना भी मुश्किल हो रहा है. सुपरटेक विध्वंस के लिए लगभग 4.5-5.5 करोड़ रुपये का भुगतान कर रहा है और शेष राशि 14.5-15.5 करोड़ रुपये मलबे को बेचकर बनाए जाने की उम्मीद है.

कितने फ्लैट बिके थे, खरीदारों के पैसों का क्या होगा?

Noida Twin Tower Breaking News: वर्ष 2014 में सुपरटेक ने 70 करोड़ खर्च किए और घर खरीददारों से 180 करोड़ रुपये जुटाए थे. इसमें 633 फ्लैट बुक किए गए थे. अब घर खरीदारों के पैसे 12% ब्याज दर पर वापस देने के लिए कहा गया है.

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क्यों हुआ विवाद, कब-कब क्या हुआ?

वर्ष 2012 में प्रोजेक्ट के रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से संपर्क किया और दावा किया कि ट्विन टावरों ने यूपी अपार्टमेंट ओनर्स एक्ट 2010 का उल्लंघन किया है. आरडब्ल्यूए ने अदालत को बताया कि टावरों का निर्माण गार्डन एरिया में किया गया और दोनों टॉवर के बीच डिस्टेंस महज 9 मीटर रखा गया तो कम से कम 16 मीटर होना जरूरी था.

इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टावरों को गिराने का आदेश दिया था. कंपनी को फ्लैट खरीदारों को 14 प्रतिशत ब्याज दर पर पैसा वापस करने के लिए कहा था. अदालत ने यह भी पाया कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बिल्डरों के साथ मिलीभगत की है. 7 फरवरी को, एक एससी बेंच ने निर्देश दिया कि रियाल्टार सुपरटेक और विध्वंस ठेकेदारों ने बिना किसी रोक-टोक के दो इमारतों को ध्वस्त करने के एचसी के आदेश को लागू किया। नोएडा अथॉरिटी ने SC को बताया कि 22 मई तक विध्वंस का काम खत्म हो जाएगा.

ट्विन टॉवर का सफरनामा

5 जून- 2005: सुपरटेक ने नोएडा के सेक्टर-93 में 9-9 मंजिलों के साथ ट्विन टॉवर बनाने की योजना बनाई.

दिसंबर 2006: सुपरटेक ने योजना को संशोधित किया. अब इस परियोजना में 11 मंजिलों के साथ 15 टावर होंने का प्लान बना.

नवंबर 2009: तीन साल बाद, योजना को फिर से संशोधित किया गया. दो और टावरों को शामिल किया गया. इनमें एक एपेक्स और दूसरा सियान. दोनों को 24 मंजिल वाला बनना तय हुआ.

दिसंबर 2009: सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू हुआ.

मार्च 2012: ट्विन टावरों में मंजिलों की संख्या 24 की बजाय 40 की गई.

दिसंबर 2012: एमराल्ड कोर्ट ओनर्स रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से संपर्क किया और दावा किया कि टावरों ने यूपी अपार्टमेंट मालिक अधिनियम, 2010 का उल्लंघन किया है.

अप्रैल 2014: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टावरों को गिराने का आदेश दिया और सुपरटेक को खरीदारों को 14 प्रतिशत ब्याज पर पैसे वापस करने को कहा.

मई 2014: कोर्ट ने पाया कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बिल्डरों के साथ मिलीभगत की. सुपरटेक टावरों को अब सील कर दिया गया है.

मई 2014: नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक ने एससी में दावा किया कि कोई नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है. होमबॉयर्स भी रिफंड, मुआवजे के लिए कोर्ट का रुख करते हैं.

अगस्त 2021: 7 साल बाद 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और ट्विन टावरों को गिराने का आदेश दिया.

फरवरी 2022: सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावरों को बिना किसी रोक-टोक के ध्वस्त करने का आदेश दिया.

फरवरी 2022: नोएडा प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 22 मई तक विध्वंस का काम खत्म हो जाएगा.

मार्च 2022: ये बात सामने आई कि सुपरटेक 25 मार्च को दिवालिया हो जाएगा. 25,000 से अधिक इकाइयां अभी भी होमबॉयर्स को डिलीवर की जानी हैं.

10 अप्रैल 2022: एडिफिस कंपनी ने टेस्ट ब्लास्ट कर बारूद वगैरह का एस्टिमेंट बताया.

22 मई: इस दिन ट्विन टॉवर को तोड़ा जाना था पर एडिफिस कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से इमारत विध्वंस करने की डेट बढ़ाने की गुजारिश की थी. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने 28 अगस्त को इमारत गिराने को कहा.

अब 28 अगस्त को होगा ट्विन टॉवरों का विध्वंस…

SC ने नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराने के लिए 28 अगस्त की तारीख तय की

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