Agra Nagar Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश में आगरा नगर निगम के मेयर की कुर्सी एक लंबी रेस के बाद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित कर दी गई है. बता दें कि नगर निगम नगर पंचायत और नगर पालिका परिषद के ‘राजनीतिक योद्धा’ लखनऊ की तरफ नजरें गड़ाए बैठे थे, तभी अचानक गुरुवार शाम आरक्षण का शासनादेश आ गया. शासनादेश आने भर की देर नहीं हुई थी कि हवा में घूमते और घुमाते हुए अनगिनत लोगों के हाथों में अंतरिम आरक्षण सूची सोशल मीडिया के जरिए पहुंच गई. अदालत में कानूनी प्रक्रिया चलने के कारण आगरा में सियासत ठंडी सी पड़ गई थी, लेकिन गुरुवार को अचानक सियासत का तापमान बढ़ गया. महापौर की कुर्सी पर जुगत लगाने वाले उम्मीदवार और उनके खेमों में टिकट पाने की गुणा गणित तेज हो गई है. खबर में आगे जानिए मेयर चुनाव के लिए भाजपा की टिकट पाने के लिए कौन-कौन हैं उम्मीदवार?
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भाजपा से इन्हें मिल सकती है टिकट
हेमलता दिवाकर कुशवाहा
मेयर चुनाव के लिए भाजपा की ओर से सियासी गलियारों में हेमलता दिवाकर कुशवाहा का नाम भारी-भरकम माना जा रहा है. हेमलता दिवाकर कुशवाहा पूर्व विधायक हैं और आगरा देहात विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की विधायक रह चुकी हैं. गुजरे विधानसभा चुनाव में उनकी टिकट काटकर आगरा देहात विधानसभा सीट से उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं बेबी रानी मौर्य को चुनाव मैदान में उतारा गया था. सूत्रों का कहना है कि हेमलता दिवाकर कुशवाहा को टिकट दिलाने के लिए नेपथ्य से भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आगरा फतेहपुर सीकरी से सांसद राजकुमार चाहर जुगत लगा रहे हैं. भाजपा की राजनीति में स्थानीय स्तर पर चाहर भारी भरकम चेहरा हैं.
डॉक्टर सलोनी बघेल
भाजपा के हलकों में महापौर की उम्मीदवारी के लिए डॉक्टर सलोनी बघेल का भी नाम चर्चा में है. डॉक्टर बघेल भारत सरकार के केंद्रीय राज्यमंत्री और आगरा से सांसद एसपी सिंह बघेल की बेटी हैं. चिकित्सा शिक्षा में वह एमडी हैं और उनका चिकित्सा का पेशेवर अंदाज है. हालांकि सलोनी पार्टी और पिता के राजनीतिक कार्यक्रमों में जहां-तहां सक्रिय रहती हैं. सलोनी बघेल के टिकट की लड़ाई के विषय में एसपी सिंह बघेल से सीधी बात नहीं हो पाई है, लेकिन भाजपा के गलियारों में यह नाम चल रहा है.
मृदुला कठेरिया
सियासी मौसम में चर्चाओं का बाजार गर्म है और इन्हीं गरमा-गरम चर्चाओं में एक नाम डॉक्टर मृदुला कठेरिया का भी लिया जा रहा है. मृदुला कठेरिया इटावा से भाजपा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया की पत्नी हैं. रामशंकर कठेरिया आगरा से सांसद रह चुके हैं और यहीं से वह मोदी सरकार में मानव संसाधन मंत्रालय में राज्य मंत्री बने थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में उनको इटावा सांसदी का चुनाव लड़ने के लिए भेज दिया गया था और आगरा से एसपी सिंह बघेल को टिकट दे दी गई थी. रामशंकर कठेरिया इस समय कोठी मीना बाजार में रामभद्राचार्य की कथा के आयोजन में जुटे हुए हैं. राजनीतिक हलकों में कथा के आयोजन के पीछे 2024 का लोकसभा चुनाव आगरा से लड़ने की पृष्ठभूमि से जोड़कर देखा जा रहा है. जबकि इस आयोजन को नगर निगम के महापौर के चुनाव में डॉक्टर मृदुला कठेरिया को टिकट दिलवाने के लिए भी कयास लगाए जा रहे हैं.
अनीता खरे
महापौर की कुर्सी के लिए भाजपा में अनीता खरे का नाम भी टिकटार्थियों के साथ गिना जा रहा है. अनीता खरे वाल्मीकि समाज से हैं और दूसरी बार आगरा नगर निगम में पार्षद बनी हैं. भाजपा के कद्दावर नेता और सूबे की राजनीति में दखल रखने वाले एक स्थानीय नेता अनिता खरे के नाम को आगे बढ़ा रहे हैं.
भाजपा की टिकट के लिए इन नामों की भी चर्चा
इसी कड़ी में महापौर की सीट के लिए जाटव समाज के दावेदारों की दावेदारी हो रही है. भाजपा ब्रज क्षेत्र के मंत्री अशोक पिपल की पुत्र वधू कल्पना ने भी भाजपा की टिकट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है. सूत्रों का कहना है कि अशोक पिपल का सीधा संबंध सूबे के बड़े नेता से है, जो लखनऊ में बैठकर सत्ता और संगठन की गतिविधियों में हस्तक्षेप रखते हैं. इस कड़ी में भाजपा के पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक डॉ रामबाबू हरित की पत्नी का भी नाम उछल रहा है. डॉक्टर रामबाबू हरित हाल ही में अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के चेयरमैन का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. टिकट की दौड़ में बसपा के पूर्व विधायक और वर्तमान में भाजपा की डोर पकड़ने वाले गुटियारी लाल दुबेश की पत्नी का भी हैं. नामों की कड़ी में राहुल सागर के घर से भी टिकट की दौड़ में शामिल होने की बात कही जा रही है.
दरअसल आगरा नगर निगम के महापौर की कुर्सी पर अनुसूचित वर्ग में जाटव और नॉन जाटव टिकट के दावेदारों के बीच महापौर की कुर्सी के लिए मामला झूल रहा है. आगरा में जाटव मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है. भाजपा लंबे समय से जाटव मतदाताओं में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए कामकाज करती रही है, लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है. जाटव मतदाता बहुजन समाज पार्टी का आधार वोट माना जाता है. यही वजह है कि आगरा से भारतीय जनता पार्टी ने आगरा (दक्षिण) विधानसभा सीट से डॉक्टर जीएस धर्मेश को टिकट दिया था और आगरा (देहात) से बेबी रानी मौर्य को. दोनों जाटव समाज से ताल्लुक रखते हैं और चुनाव में दोनों ने ही विजयश्री हासिल की थी.
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