प्रियंका के सुर से मिले वरुण के सुर! केंद्रीय मंत्री टेनी, किसानों लेकर लिखा PM मोदी को खत

यूपी तक

• 07:23 AM • 20 Nov 2021

किसानों के मुद्दे पर निशाना साधते हुए पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद वरुण गांधी ने शनिवार, 20 नवंबर को एक खत जारी…

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किसानों के मुद्दे पर निशाना साधते हुए पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद वरुण गांधी ने शनिवार, 20 नवंबर को एक खत जारी कर फिर एक बार अपनी ही सरकार को घेरने का काम किया है. दरअसल, वरुण गांधी ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र जारी किया है. वरुण ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा का स्वागत तो किया है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने अपनी कई मांग भी रख दी हैं. इनमें वरुण ने लखीमपुर खीरी घटना के आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर कार्रवाई की मांग की है.

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वरुण के पीएम मोदी को खत लिखने की टाइमिंग पर गौर करने वाली बात यह है कि आज यानि शनिवार की सुबह ही उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी पीएम मोदी को खत लिख अजय मिश्रा टेनी पर कार्रवाई की मांग की. बता दें कि प्रियंका ने पीएम मोदी से शनिवार को लखनऊ में होने वाली डीजीपी कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के साथ मंच साझा न करने की बात कहते हुए उन्हें पद से बर्खास्त करने की भी मांग की है.

जानिए वरुण ने पीएम मोदी को खत लिख अपनी किन मांगों को रखा?

वरुण गांधी ने पीएम मोदी से कहा,

“आपने बड़ा दिल दिखाते हुए इन कानूनों को निरस्त करने की जो घोषणा की है, उसके लिए मैं आपको साधुवाद देता हूं. पिछले एक साल में अत्यंत कठिन परिस्थितियों में धरना देते हुए इस आंदोलन में सात सौ से ज्यादा किसान भाइयों की शहादत भी हो चुकी है. मेरा मानना है कि यह निर्णय यदि पहले ही ले लिया जाता तो इतनी बड़ी जनहानि नहीं होती. आपसे विनम्र निवेदन है कि आंदोलन में शहीद हुए किसान भाइयों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए इनके परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया जाए.”

वरुण गांधी, बीजेपी सांसद

वरुण बोले- ‘यह आंदोलन MSP के निस्तारण के बिना समाप्त नहीं होगा’

वरुण ने कहा, “किसानों की दूसरी मांग एमएसपी को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाने से सम्बंधित है. हमारे देश में 85% से ज्यादा छोटे लघु और सीमांत किसान हैं. हमें इन किसानों के सशक्तिकरण के लिए इनको फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाना सुनिश्चित करना होगा. यह आंदोलन इस मांग के निस्तारण के बिना समाप्त नहीं होगा और किसानों में एक व्यापक रोष बना रहेगा जो किसी न किसी रूप में सामने आता रहेगा. किसानों को फसलों की एमएसपी की वैधानिक गारंटी मिलना अत्यंत आवश्यक है.”

वरुण गांधी ने कहा, “वरिष्ठ पदों पर बैठे कई नेताओं ने आंदोलनरत किसानों को लेकर बहुत ही व्यक्ति करने वाले बयान दिए हैं. इन बयानों और किसान आंदोलन के प्रति अब तक अपनाए गए उपेक्षापूर्ण रवैये का ही नतीजा है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में पांच किसान भाइयों की गाड़ियों से कुचलकर निर्मम हत्या कर दी गई. मेरा आपसे निवेदन है कि इस घटना में निष्पक्ष जांच और न्याय हेतु इसमें लिप्त एक केंद्रीय मंत्री पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.”

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार की सुबह राष्ट्र को संबोधित करते हुए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 को निरस्त करने की घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने एमएसपी को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक समिति गठित किए जाने का भी एलान किया.

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