यूपी में कुछ बड़ा होने वाला है? BJP की हार पर बयान के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या पहुंचे दिल्ली

Yogi Adityanath and Keshav Prasad Maurya  : उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय भूचाल आया हुआ. लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में उम्मीदों के मुताबिक जीत हासिल न कर पाने से बीजेपी नेता अब तक हैरान हैं और इसकी पड़ताल करने में जुटे हैं.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या फिर दिल्ली पहुंचे

यूपी तक

16 Jul 2024 (अपडेटेड: 16 Jul 2024, 09:38 PM)

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Yogi Adityanath and Keshav Prasad Maurya  : उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय भूचाल आया हुआ. लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में उम्मीदों के मुताबिक जीत हासिल न कर पाने से बीजेपी नेता अब तक हैरान हैं और इसकी पड़ताल करने में जुटे हैं. रविवार को पार्टी ने लखनऊ में यूपी बीजेपी का कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया और इस सम्मेलन में काफी कुछ देखने को मिला. सम्मेलन में संगठन और सरकार के बीच तलवार खींची दिखी और दोनों ही अलग-अलग नजर खेमे में खड़े नजर आए. यूपी में बीजेपी के हार के कारणों के खोज के बीच अब उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्‍यक्ष भूपेंद्र चौधरी बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा से आज दिल्ली में मुलाकात की. 

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दिल्ली पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य

बता दें कि उत्तर प्रदेश  उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्‍यक्ष भूपेंद्र चौधरी, बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के लिए मंगलवार यानी 16 जुलाई को दिल्‍ली पहुंचे. इस मुलाकात की चर्चा इस लिए काफी है क्योंकि रविवार को लखनऊ में हुए पार्टी के सम्मेलन में काफी कुछ देखने को मिली था. केशव प्रसाद मौर्य ने सम्मेलन में संगठन को सरकार से ऊपर बताया तो वहीं सीएम योगी ने बैकफुट में आ आने की नसीहत दी.  सूबे में पार्टी की हार और उसके बाद केशव प्रसाद मौर्य के हालिया बयान के बाद इस बैठक को अहम माना जा रहा है. 

काफी अहम है ये मुलाकात

बता दें कि बीते रविवार को लखनऊ में हुए  कार्यकर्ताओं को लेकर केशव मौर्य ने सबसे बड़ी बात कही थी. केशव मौर्य ने कार्यकर्ताओं से कहा था कि, 'जो आपका दर्द है, वही मेरा भी दर्द है. सरकार से बड़ा संगठन है, संगठन था और रहेगा.' केशव मौर्य ने कहा कि, 'सात कालिदास मार्ग कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा खुला है.' वहीं सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बोलते हुए अपनी अलग लकीर खींच डाली. मुख्यमंत्री ने अपने गवर्नेंस को लेकर साफ कर दिया कि जिस अंदाज में उनकी सरकार चल रही है उसे पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. पिछले कुछ दिनों से भाजपा के नेता और सरकार में उनके सहयोगी पार्टी के नेताओं ने यूपी सरकार को कई मुद्दों पर खुलकर घेरा है. जिसके बाद अब यूपी में पार्टी की हार के बाद कहा जा रहा है कि अंदरूनी कलह सतह पर आने लगी है.

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