राजा भैया की ये बात अखिलेश यादव को मिर्ची की तरह लगेगी! सब कुछ साफ-साफ कह दिया 

Raja Bhaiya News: यूपी के बाहुबली नेताओं में शुमार कुंडा विधायक और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया हमेशा चर्चा में बने रहते हैं. इस बीच यूपी Tak ने प्रयागराज स्थित महाकुंभ मेले में राजा भैया से खास बातचीत कर कई मुद्दों पर उनकी प्रतिक्रिया ली है.

Raja Bhaiya

कुमार अभिषेक

• 01:21 PM • 06 Feb 2025

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Raja Bhaiya News: यूपी के बाहुबली नेताओं में शुमार कुंडा विधायक और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया हमेशा चर्चा में बने रहते हैं. इस बीच यूपी Tak ने प्रयागराज स्थित महाकुंभ मेले में राजा भैया से खास बातचीत कर कई मुद्दों पर उनकी प्रतिक्रिया ली है. महाकुंभ में अपने शिविर से राजा भैया ने ऐलान किया है कि हिंदुत्व के विचारों से अब कोई समझौता नहीं होगा और पार्टी आगे सिर्फ अपने विचारों के आधार पर गठबंधन करेगी. राजा भैया ने कहा, "काशी और मथुरा कानूनी तरीके से लेना हमारा हक है...कितना अच्छा होता कि प्रयागराज का जल लेते और ज्ञानवापी में जलाभिषेक करते."

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महाकुंभ भगदड़ पर राजा भैया ने क्या कहा?

राजा भैया ने कहा, "मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ और उसमें हुई मौतें दुखद हैं. लेकिन अगर उसे एक अपवाद माना जाए तो यह महाकुंभ अभूतपूर्व रूप  से सफल है और जिस तरीके का आयोजन हुआ है ऐसा आयोजन करना असंभव है." वहीं, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा योगी सरकार को इस मुद्दे पर घेरे जाने पर राजा भैया ने कहा कि उन्हें ऐसे बयानों से बचना चाहिए था.  

 

 

समाजवादी पार्टी को लेकर राजा भैया ने दिया ये बयान

राजा भैया ने कहा, "मैं कभी समाजवादी पार्टी में नहीं रहा. ना ही समाजवादी विचारों से मेरा कोई लेना देना है. 2027 (यूपी विधानसभा चुनाव) के चुनाव में अपने इन्हीं विचारों के साथ चुनाव में जाएंगे. ऐसा माना जा रहा है कि राजा भैया की पार्टी भी अब भाजपा की तरह हिंदुत्व की राह पर चलेगी. 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव में राजा भैया किस पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे, फिलहाल इस पर उन्होंने कोई बात नहीं की है. मगर इतना साफ कर दिया है कि हिंदुत्व के वचारों को लेकर वे कोई समझौता नहीं करेंगे. 

कैसा है राजा भैया का सपा से रिश्ता

अखिलेश यादव और राजा भैया के रिश्तों में खटास की कहानी साल 2019 में शुरू हुई थी. दरअसल यूपी में साल 2019 में राज्यसभा हुए. राजा भैया भले ही निर्दलीय विधायक थे और अप्रत्यक्ष तौर पर समाजवादी पार्टी के साथ थे. मगर उस दौरान सपा और बसपा के बीच गठबंधन के चलते राजा भैया ने मायावती के विरोध में अखिलेश की बात नहीं मानी और उन्होंने बीजेपी के कैंडिडेट को अपना वोट दे दिया. हालांकि यह बात दूसरी है कि राजा भैया यह बात कहते हैं कि उनके सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से अच्छे रिश्ते थे. वह सपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. मगर मौजूदा वक्त में सपा चीफ अखिलेश और राजा भैया के रिश्तों में खटास है. 

'हम सबसे पहले एक धर्मनिष्ठ हिंदू हैं' 

राजा भैया ने कहा, "यह कहां गया है कि सियासी व्यक्ति धर्मनिष्ठ नहीं होना चाहिए. हम सबसे पहले एक धर्मनिष्ठ हिंदू हैं और शुरू से हैं. रही बात इस शिविर की यह लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट हमारा पारिवारिक पुराना ट्रस्ट है मंदिर का और प्रति कुंभ शिविर लगता है. तो जो भी लोग आना चाहें, रहना चाहें रहें...भोजन करें, स्नान करें और सब निशुल्क है."
 

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