Uttar Pradesh News : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी बंपर बढ़त के साथ जीत की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है. चुनाव आयोग के सभी 230 विधानसभा सीटों पर रुझान आ गए हैं. 230 में से 165 सीट पर भारतीय जनता पार्टी आगे चल रही है. वहीं कांग्रेस पार्टी 63 सीटों पर आगे है. रुझानों में बहुजन समाज पार्टी और भारत आदिवासी पार्टी को एक-एक सीट पर बढ़त मिली हुई है. बता दें कि चुनाव से सपा और कांग्रेस में सीटों को लेकर लड़ाई देखी गई थी. वहीं अब कांग्रेस को हार की तरफ बढ़ता देख सपा नेता का बड़ा बयान सामने आया है.
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कांग्रेस की हार पर सपा का ऐसा रिएक्शन
मध्यप्रदेश में सपा प्रवक्ता मनोज सिंह काका का बयान आया है. उन्होंने हार का ठीकरा पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ पर फोड़ा है. सपा नेता मनोज सिंह काका ने कहा कि, मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी (अखिलेश यादव) के प्रति जो अपमानजनक शब्द बोला था, उनका अहंकार सर चढ़कर बोल रहा था. रामधारी सिंह दिनकर जी ने लिखा है कि जब नाश मनुष्य पर छाता है,पहले विवेक मर जाता है. तो उनके अमर्यादित बयानों से कांग्रेस हारी है. ज्यादातर जगहों पर यही हुआ है.’
कांग्रेस पर बरसे सपा नेता
सपा नेता ने आगे कहा कि, ‘कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में एक दलित का अपमान कर दूसरे व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. देश के बड़े नेता और आज के दौर में बहुजनों के नायक अखिलेश यादव मंडल कमीशन और जातिगत जनगणना को लेकर बहुजन वर्ग के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक सभी तरह के भागीदारी की लड़ाई लड़ रहे है. उन्होंने अकेले दम पर भाजपा को को नाको चना चबवा दिए हैं. उसे बड़े नेता को अपमानजनक शब्दों से संबोधित करना कांग्रेस को भारी पड़ा है. कांग्रेस को समझना चाहिए कि जब-जब दलितों-पिछड़ों और क्षेत्रीय दलों का अपमान होगा, तब तब कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ेगी.’
चुनाव से पहले सपा-कांग्रेस में दिखी थी रार
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर सपा और कांग्रेस के बीच काफी तल्खी देखी गई थी. अखिलेश ने साफ तौर पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर उनसे बातचीत की थी. सात सीटें उन्हें देने की बात हो रही थी, लेकिन बाद में कांग्रेस मुकर गई. विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’में शामिल सामजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस से खासा नाराज थे. अखिलेश ने बिफर कर यहां तक कह दिया था कि अगर उन्हें पता होता कि राज्यों में गठबंधन की बात नहीं है, तो सपा कांग्रेस संग बैठक करने नहीं जाती.
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