क्या कुर्ते पर भी लिखे नाम... कांवड़ यात्रा पर सीएम योगी का आदेश से खफा हुए जयंत चौधरी, उठाए ये सवाल

Nameplate Controversy : योगी सरकार के आदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों और ठेलेवालों के लिए अपनी दुकानों और ठेलों पर नेमप्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया है.

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संदीप सैनी

21 Jul 2024 (अपडेटेड: 21 Jul 2024, 02:37 PM)

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Nameplate Controversy : योगी सरकार के आदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों और ठेलेवालों के लिए अपनी दुकानों और ठेलों पर नेमप्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के एक फैसले ने राजनीति गलियारों में भूचाल ला दिया है, जिसके विरोध में अब उनके खुद के सहयोगी दलों ने भी मोर्चा खोल लिया है.इसे लेकर एनडीए के उनके खुद के नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है. उत्तर प्रदेश में एनडीए के प्रमुख सहयोगी आरएलडी के मुखिया और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने योगी सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़ा कर दिया है. 

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 जयंत ने योगी सरकार के फैसले पर उठाए सवाल

कावड़ यात्रा और नेमप्लेट विवाद पर राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख और केंद्रीय मंत्र जयंत चौधरी ने रविवार को मीडिया से बात करते खुलकर योगी सरकार के इस फैसले की खिलाफत की. उन्होंने कहा कि, कावड़ ले जाने वाले या सेवादार की कोई पहचान नहीं होती है. धर्म या जाति की पहचान करके कोई सेवा नहीं लेता. इस मामले को धर्म और जाति से भी नहीं जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि, 'सब अपनी दुकानों पर नाम लिख रहे हैं मैकडॉनल्ड और बर्गर किंग क्या लिखेगा. सरकार ने यह फैसला ज्यादा सोच समझ कर नहीं लिया है.कहां-कहां नाम लिखे क्या अब कुर्ते में भी नाम लिखना शुरू कर दे क्या ताकि देख कर ये तय किया जा सके कि हाथ मिलाना है या गले लगाना है.'

अब सहयोगियों ने ही खोला मोर्चा 

बीते दिनों उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ रूट के दुकानों-ठेले वालों के लिए एक आदेश जारी किया था. आदेश में कहा गया है कि सभी दुकानों, ठेलों अपना नाम लिखें जिससे कांवड़ यात्री जान सके कि वो किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं. वहीं सरकार के इस फैसले के खिलाफ विपक्ष से लेकर सरकार के सहयोगियों ने भी मोर्चा खोल दिया है. जयंत चौधरी से पहले नीतिश कुमार की पार्टी ने भी योगी सरकार के इस फैसले की निंदा की थी. जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने भी फैसले पर एक बार फिर से समीक्षा करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं किया जाना चाहिए, जिससे समाज में सांप्रदायिक विभाजन पैदा हो.

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