मां पाटेश्वरी, मां विंध्यावासिनी और गुरु जम्भेश्वर... यूपी की 3 नई यूनिवर्सिटी का काम कितना आगे बढ़ा? यहां जानिए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलरामपुर, मीरजापुर और मुरादाबाद में बन रही 3 नई राज्य यूनिवर्सिटी की प्रगति की समीक्षा की. जानिए निर्माण कार्य, लागत, समय-सीमा, स्टाफिंग और रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों पर क्या हैं लेटेस्ट अपडेट्स.

State Universities in UP

यूपी तक

• 07:42 AM • 15 Jul 2025

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उत्तर प्रदेश में तीन नए राज्य विश्वविद्यालयों के काम में तेजी से प्रगति चल रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में बलरामपुर स्थित मां पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय, मीरजापुर स्थित मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय और मुरादाबाद स्थित गुरु जम्भेश्वर राज्य विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों और निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की है. मुख्यमंत्री ने इन विश्वविद्यालयों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस व्यापक विजन का विस्तार बताया, जिसमें हर जिले के युवाओं को सुलभ उच्च शिक्षा देने का लक्ष्य है.

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सीएम योगी का विजन: सिर्फ कैंपस नहीं, रोजगार का केंद्र

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि इन नए विश्वविद्यालयों को केवल शैक्षणिक परिसर के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि ये ऐसे केंद्र बनेंगे जहां युवाओं को गुणवत्तापरक, रोजगारोन्मुखी और सुलभ उच्च शिक्षा मिल सकेगी. उन्होंने जोर दिया कि ये पहल न केवल उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा को क्षेत्रीय असंतुलन से मुक्त करेगी, बल्कि इसे अधिक समावेशी और न्यायसंगत स्वरूप भी प्रदान करेगी.

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों की प्राथमिकताएं तय कीं. उन्होंने निर्देश दिए कि पहले चरण में प्रशासनिक भवन, अकादमिक खंड और कुलपति निवास का निर्माण हर हाल में समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए. दूसरे चरण में छात्रावासों और आवासीय भवनों के निर्माण को गति दी जाए. सीएम ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि सभी निर्माण स्थलों पर कम से कम 500 श्रमिकों की तैनाती हो, ताकि काम में तेजी बनी रहे.

स्टाफिंग और एडमिशन पर भी फोकस: इस बार से परास्नातक कोर्स

विश्वविद्यालयों के सुचारु संचालन के लिए स्टाफिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने पूर्णकालिक रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक और वित्त नियंत्रक की तत्काल नियुक्ति के निर्देश दिए हैं, और स्पष्ट किया कि किसी भी महत्वपूर्ण पद पर अतिरिक्त प्रभार नहीं दिया जाएगा. लिपिकीय क्लास की नियुक्ति प्रक्रिया भी तुरंत शुरू करने को कहा गया है. शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में मुख्यमंत्री ने अगले तीन दिनों के भीतर पद सृजन की प्रक्रिया पूरी कर विज्ञापन जारी करने और शीघ्र चयन की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए हैं.

कुलपतियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि संबद्ध महाविद्यालयों के अतिरिक्त, इस बार से विश्वविद्यालय परिसर में ही परास्नातक (पोस्ट ग्रेजुएट) पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाए. इसके लिए आवश्यक प्रयोगशालाओं की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने को कहा गया है.

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तीनों विश्वविद्यालयों की प्रगति रिपोर्ट: लागत, समय-सीमा और मौजूदा काम

1. मां पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय, बलरामपुर:

कुल स्वीकृत राशि: ₹163.52 करोड़

अब तक जारी धनराशि: ₹83.47 करोड़

काम शुरू: 7 जून 2024

काम पूरा होने का लक्ष्य: दिसंबर 2025

मौजूद काम करने वाले श्रमिक: 435 (निर्धारित संख्या से अधिक)

चल रहे काम: प्रशासनिक भवन, अकादमिक खंड, छात्रावास, कुलपति निवास, आवासीय भवन, सुरक्षा अवसंरचना और बाह्य विकास.

2. मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय, मीरजापुर:

कुल अनुबंध मूल्य: ₹154.15 करोड़

अब तक जारी धनराशि: ₹88.53 करोड़

काम शुरू: 12 अगस्त 2024

काम पूरा होने का लक्ष्य: फरवरी 2026

3. गुरु जम्भेश्वर राज्य विश्वविद्यालय, मुरादाबाद:

कुल परियोजना लागत: ₹169.58 करोड़

अब तक जारी धनराशि: ₹77.93 करोड़

काम शुरू: 11 जुलाई 2024

काम पूरा होने का लक्ष्य: फरवरी 2026

चल रहे काम: प्रशासनिक खंड, दो अकादमिक भवन, छात्रावास, आवासीय परिसर, पुलिस चौकी और बाह्य विकास.

विशेष: मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गुरु जम्भेश्वर राज्य विश्वविद्यालय की वेबसाइट (https://www.gjum.ac.in/) और लोगो का भी विमोचन किया.

गुणवत्ता और रोजगारपरक पाठ्यक्रम पर जोर

मुख्यमंत्री ने सभी परियोजनाओं में समय-सीमा का कड़ाई से पालन करने और गुणवत्ता के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त न करने के निर्देश दिए. उन्होंने विशेषज्ञ एजेंसियों से प्रत्येक कार्य की तकनीकी गुणवत्ता का परीक्षण कराने और नियमित प्रगति रिपोर्ट प्राप्त करने को कहा.

सीएम ने यह भी कहा कि इन विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम इस प्रकार तैयार किए जाएं, जो स्थानीय आवश्यकताओं, क्षेत्रीय संसाधनों और समकालीन रोजगार संभावनाओं से जुड़े हों. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल डिग्री नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान, तकनीकी दक्षता और व्यावसायिक कौशल भी प्रदान करना है, ताकि वे रोजगार के लिए तैयार हो सकें.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वास व्यक्त किया कि बलरामपुर, मीरजापुर और मुरादाबाद में विकसित हो रहे ये विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में शोध, नवाचार, सांस्कृतिक चेतना, नैतिक शिक्षा और आधुनिक कौशल विकास के महत्वपूर्ण केंद्र बनकर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक सिद्ध होंगे.

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