लखनऊ में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) द्वारा आयोजित विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैश्विक चुनौतियों, न्याय व्यवस्था और मानवता के भविष्य पर महत्वपूर्ण विचार रखे. मंच से बोलते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, महामारी और आतंकवाद जैसी समस्याओं से निपटने में भारत की सोच और संस्कृति दुनिया को दिशा दे सकती है.
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सीएम योगी ने कही ये बात
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य के संकट और वैश्विक आतंकवाद जैसी समस्याएं किसी एक देश तक सीमित नहीं हैं. उन्होंने उदहरण देते हुए कहा कि “अगर किसी के घर में आग लगी हो और हम शांत बैठें तो एक दिन वही आग हमारे घर तक पहुंच सकती है.” उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने दुनिया को यह सिखाया कि किसी संकट के समय एक देश का अकेले खड़ा रहना पर्याप्त नहीं है.
न्याय, नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय कानून विश्व शान्ति की मजबूत आधारशिला
उभरती तकनीकें आज जीवन को सरल और तेज बना रही हैं लेकिन इसके साथ ही कई नई कानूनी चुनौतियां भी सामने आ रही हैं. साइबर क्राइम, डेटा चोरी और तकनीक आधारित अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, जिनसे पूरी दुनिया चिंतित है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसे अस्थिर समय में न्याय, नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय कानून विश्व शांति और मानव सभ्यता की सुरक्षा के लिए एक मजबूत आधारशिला बन सकते हैं. उनके अनुसार, इन तीनों की भूमिका अब पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गई है और वे भविष्य की वैश्विक व्यवस्थाओं में “एक बड़ी लकीर” खींचने का कार्य कर सकते हैं.
भारत का ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ दुनिया के लिए मार्गदर्शक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की प्राचीन भावना ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ आज भी दुनिया के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत है. भारत ने सदियों से पूरी दुनिया को एक परिवार की तरह स्वीकार किया है. संकट के समय विभन्न मत मजहब और समुदायों के लोगों को शरण और संरक्षण देकर भारत ने मानवता की रक्षा का उदाहरण पेश किया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक परस्थितियों में करुणा, शांति और मैत्री का संदेश पूरे विश्व में फैलाना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है.
दुनिया की समस्याओं की जड़ है संवाद की कमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया की अधिकांश बड़ी समस्याएं संवाद की कमी से पैदा होती हैं. देशों के बीच संवाद कमजोर पड़ रहा है और वर्चस्व स्थापित करने की कोशिशें इसे और बाधित कर रही हैं. ऐसे समय में यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन वैश्विक संवाद स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण मंच बन जाता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यहां निकले सुझावों और समाधान को न्याय और मानवता के हित में पूरी दुनिया तक पहुंचाना आवश्यक है.
यूएन के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को याद रखने की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 80 साल पहले दुनिया के लिए एक न्यायपूर्ण, समावेशी और जवाबदेह वैश्विक प्रणाली की आवश्यकता बताई थी. उन्होंने यह भी कहा कि यूएन ने 16 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स तय किए. इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल संसाधन, पर्यावरण सुरक्षा और कौशल विकास शामिल हैं शिक्षा इनमें सबसे महत्वपूर्ण है. सीएम योगी ने कहा कि दुनिया के 250 करोड़ से अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना वैश्विक प्राथमिकता होनी चाहिए.
मानवता और न्याय के लिए डॉ. जगदीश गांधी की पहल सराहनीय
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. जगदीश गांधी ने इस सम्मेलन की शुरुआत वैश्विक एकता, शांति और न्याय को बढ़ावा देने के लिए की. यह मंच देशों के न्यायविदों को एक साथ लाता है, मानवता से जुड़ी समस्याओं पर संवाद को बढ़ावा देता है और एक-दूसरे को समझने का अवसर प्रदान करता है.
भारत की पंचतत्व परंपरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया को जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य संकट और वैश्विक आतंकवाद जैसे मुद्दों पर मुखर होकर संवाद करना चाहिए. उन्होंने जोर दिया कि इन विषयों पर यूएन प्लेटफॉर्म का उपयोग अधिक प्रभावी और परिणाममुखी ढंग से होना चाहिए.
सम्मेलन के प्रस्तावों को यूएन तक भेजने की आवश्यकता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुझाव दिया कि इस सम्मेलन में पारित सभी प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र तक पहुंचाए जाएं, ताकि पूरी दुनिया उन विचारों का लाभ उठा सके. उन्होंने भारतीय संस्कृति के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सिद्धांत के अनुरूप वैश्विक शांति, करुणा और मैत्री का संदेश फैलाने पर विशेष जोर दिया.
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