उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक गुरुवार को वाराणसी पहुंचे. बाबतपुर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की और कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी. इस दौरान उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को लेकर दिए गए बयान का समर्थन किया और महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक अबू आजमी के औरंगजेब पर विवादास्पद बयान की कड़ी आलोचना की. इसके साथ ही उन्होंने सपा पर जमकर हमला बोला और पार्टी से माफी की मांग की.
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पीओके पर विदेश मंत्री के बयान का समर्थन
मीडिया से बात करते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने पीओके को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया था. पाठक ने कहा, "विदेश मंत्री ने जो कहा, वह हर भारतीय के दिल की बात है. पीओके हमारा है और हमारा हक हमें मिलना ही चाहिए. यह सच्चाई है, जिसे कोई नकार नहीं सकता." उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के रुख की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत की संप्रभुता और अखंडता को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है. पाठक के इस बयान से साफ है कि वे पीओके को लेकर सरकार की नीति के साथ पूरी तरह खड़े हैं और इसे देशवासियों की भावनाओं से जोड़ते हैं.
औरंगजेब पर अबू आजमी के बयान की कड़ी निंदा
बातचीत के दौरान पाठक ने महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के उस बयान पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें आजमी ने औरंगजेब की तारीफ की थी. पाठक ने औरंगजेब को 'आक्रांता' करार देते हुए कहा, 'औरंगजेब एक ऐसा शासक था जिसने भारत की संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक भावनाओं को कुचलने का काम किया. उसने हिंदुस्तान की सभ्यता को तहस-नहस करने की कोशिश की.' उन्होंने आगे कहा, 'जो लोग औरंगजेब का महिमामंडन करते हैं, उन्हें भारत की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी. ऐसे लोग देश की भावनाओं का अपमान करते हैं.'
सपा पर हमला, अबू आजमी को निकालने की मांग
डिप्टी सीएम ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए अबू आजमी के बयान को पार्टी की सोच से जोड़ा. उन्होंने कहा, 'अबू आजमी का बयान निंदनीय है और यह सपा की मानसिकता को उजागर करता है. समाजवादी पार्टी को देश की जनता से इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.' इतना ही नहीं, पाठक ने सपा नेतृत्व से अबू आजमी पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, 'सपा को अबू आजमी को तुरंत अपनी पार्टी से बाहर निकालना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता तो यह साबित होगा कि सपा ऐसी सोच का समर्थन करती है.' पाठक का यह हमला सपा के लिए राजनीतिक चुनौती खड़ी कर सकता है, खासकर तब जब देश में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर बहस तेज है.
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