UP News: पंचायती राज विभाग की तरफ से जारी किए गए आदेश पत्र को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया और आदेश को फौरन रद्द कर दिया. इसी के साथ संयुक्त निदेशक पंचायती राज सुरेंद्र नाथ सिंह को भी निलंबित कर दिया. मगर अब इस मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है और योगी सरकार घिर गई है.
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दरअसल जिस तरह से आदेश पत्र में लिखा गया कि ग्राम पंचायतों में जाति विशेष (यादव) धर्म विशेष (मुस्लिम) द्वारा किए गए अवैध भूमि को मुक्ता करवाया जाए, उसने हड़कंप मचा कर रख दिया. अब इसको लेकर नगीना से सांसद और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने भी योगी सरकार को घेरा है और सीएम योगी से मांग भी की है.
चंद्रशेखर आजाद ने ये कहा
सोशल मीडिया X पर आजाद समाज पार्टी के नेता और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, यादव और मुस्लिम समुदाय को नाम लिखकर टारगेट करते हुए ज़मीन कब्जा हटाने का @myogiadityanath जी के पंचायती राज विभाग के अधिकारियों का यह आदेश न सिर्फ गैर- संवैधानिक है, बल्कि घोर जातिवादी और सांप्रदायिकता से भरा हुआ है.
उन्होंने आगे लिखा, पूरी तरह राजनीति से प्रेरित यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 पर सीधा प्रहार करता है. साथ ही, यह कर्मचारी आचरण सेवा नियमावली के तहत अनुशासनहीनता है, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि— अधिकारी जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते.
एफआईआर दर्ज की जाए
भीम आर्मी चीफ ने आगे लिखा, हम यूपी सरकार से मांग करते हैं कि अगर इस मामले में सरकार की नियत साफ है, तो दोषी अफसरों पर सिर्फ निलंबन ही नहीं, बल्कि FIR दर्ज कर सेवा से बर्खास्तगी की कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
इस आदेश पत्र में पंचायती राज निदेशक, उत्तर प्रदेश की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया गया था. आदेश पत्र में लिखा था, आदेश का उद्देश्य: प्रदेश की 57,691 ग्राम पंचायतों में जाति विशेष (यादव) व धर्म विशेष (मुस्लिम) द्वारा अवैध कब्जों से ग्राम सभा की भूमि, पोखरे, खाद गड्ढे, खलिहान, खेल मैदान, श्मशान भूमि और ग्राम पंचायत भवनों को मुक्त कराना.
इस पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया था कि सक्षम अधिकारी अभियान चलाएं और अवैध कब्जों से जमीनों को मुक्त करवाएं. ये पत्र प्रदेश के सभी मुख्य विकास अधिकारी, मंडलीय उपनिदेशक (पंचायती राज), सभी जिला पंचायत राज अधिकारी को भेजा गया था. इस आदेश पत्र के नीचे संयुक्त निदेशक (पंचायती राज) सुरेंद्र नाथ सिंह के डिजिटल साइन भी हैं. जिस तरह से इस आदेश पत्र में जाति विशेष और धर्म विशेष का जिक्र किया गया था, वह सभी को हैरान कर रहा था.
फिलहाल सीएम योगी ने इस मामले में एक्शन ले लिया है. उन्होंने साफ कहा है कि सरकार की नीति किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह या भेदभाव से प्रेरित नहीं हो सकती. इस दौरान उन्होंने जातीय और धार्मिक आधार पर की गई कार्रवाई को अस्वीकार्य बताया.
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