किसानों की समस्याओं को लेकर BJP सांसद वरुण गांधी ने CM योगी को लिखा लेटर

यूपी तक

• 10:33 AM • 12 Sep 2021

एक ऐसे वक्त में जब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है, बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ‘किसानों…

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एक ऐसे वक्त में जब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है, बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ‘किसानों की बुनियादी समस्याओं’ को लेकर सीएम योगी को एक लेटर लिखा है.

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लेटर में वरुण ने लिखा है, ”गन्ना किसानों ने मुझे अवगत कराया कि गन्ने की लागत बहुत ज्यादा बढ़ गई है, जबकि पिछले चार सत्रों में गन्ने के रेट में मात्र दस रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. दूसरा, आपने गन्ने का भुगतान पिछली सरकारों के सापेक्ष ज्यादा करवाया है, जो सराहनीय है, लेकिन आज भी गन्ने का इस सत्र का कुछ भुगतान बकाया है.”

इस लेटर में लिखा गया है, ”प्रदेश में बटाईदार किसान अपना गन्ना मिलों को सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं, जिस कारण उन्हें मजबूरी में काफी घाटे में कोल्हू पर अपना गन्ना बेचना पड़ता है. आपसे निवेदन है कि बटाईदार किसानों को भी मिलों में गन्ना सप्लाई करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.”

इसके अलावा वरुण गांधी ने लिखा है,

  • ”उत्तर प्रदेश और मेरे क्षेत्र की दूसरी महत्वपूर्ण फसल धान के किसानों की मांग है कि उनकी धान की सारी फसल को एमएसपी पर खरीदने की सरकार व्यवस्था करे.”

  • ”ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है जो दिनरात फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.”

  • ”किसानों ने यह भी निवेदन किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में नलकूप और आवासीय दोनों तरह के बिजली के रेट बहुत बढ़ गए हैं, जिस कारण उन्हें बिल भुगतान में बहुत ज्यादा कठिनाई हो रही है.”

इससे पहले, पीलीभीत से सांसद वरुण ने 5 सितंबर को एक वीडियो शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा था, ”मुजफ्फरनगर में आज लाखों किसान प्रोटेस्ट के लिए जुटे हैं. वे हमारे अपने मांस और खून हैं. हमें उनके साथ सम्मानजनक तरीके से फिर से जुड़ने की शुरुआत करने की जरूरत है: उनके दर्द, उनके दृष्टिकोण को समझें.”

वरुण का यह रुख ऐसे वक्त में सामने आया है, जब बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के खिलाफ 9 महीने से ज्यादा वक्त से चल रहा किसान आंदोलन लगातार जारी है.

आंदोलन में शामिल किसान केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही उनकी मांग फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानूनी प्रावधान लाए जाने की भी है.

हाल ही में सीएम योगी ने किए थे किसानों को लेकर ये ऐलान

सीएम योगी आदित्यनाथ ने 25 अगस्त को किसानों के साथ संवाद किया था और कहा था कि ‘किसान उत्थान’ उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके साथ ही उन्होंने किसानों को लेकर कई ऐलान भी किए थे.

योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रदेश सरकार विचार कर फैसला लेगी कि फसल अवशेष जलाने के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को खत्म करने और आर्थिक दण्ड को समाप्त करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाए.

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा था, ”सरकार ने तय किया है कि हर हाल में पश्चिमी क्षेत्र की चीनी मिलें 20 अक्टूबर से शुरू हो जाएं, मध्य क्षेत्र की चीनी मिलें 25 अक्टूबर से शुरू हो जाएं, पूर्वी क्षेत्र की चीनी मिलें नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएं.”

उन्होंने कहा था,

”बकाए की वजह से किसी भी किसान का बिजली कनेक्शन न काटा जाए. उनके बकाए के समाधान के लिए यथाशीघ्र एकमुश्त समाधान (OTS) योजना लाई जाए.”

योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी ने कहा था, ”यूपी सरकार ने बीते साढ़े चार सालों में 1.42 लाख करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान किया है. मौजूदा पेराई सत्र में 82 फीसदी से ज्यादा गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है. बाकी 18 प्रतिशत का भुगतान भी नए सीजन की शुरुआत से पहले हो जाएगा. हमारा प्रयास है कि गन्ना का पिछला भुगतान तो हो ही गन्ने का मूल्य भी कुछ बढ़े.”

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