Mahakumbh News: प्रयागराज महाकुंभ में संगम जल की गुणवत्ता को लेकर बड़ा सियासी हंगामा मचा हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में संगम के जल को ‘नहाने योग्य नहीं’ बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये जल नहाने लायक नहीं है और इसमें काफी प्रदूषण है. दूसरी तरफ कल उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि संगम का जल पूरी तरह नहाने योग्य है. सीएम योगी ने विधानसभा में कहा, महाकुंभ में संगम का जल स्नान करने लायक भी है और आचमन के लायक भी है. संगम के जल में ऑक्सीजन की मात्रा 8 से 9 तक है. अब इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का बयान सामने आया है.
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सपा चीफ अखिलेश ने इस मामले को लेकर योगी सरकार पर तंज कसा है और सवाल खड़े किए हैं कि आखिर दिल्ली और लखनऊ के बीच ये चल क्या रहा है?
अखिलेश यादव का आया रिएक्शन
सोशल मीडिया X पर समाजवादी पार्टी मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को जब बताया तब ये समाचार प्रकाश में आया कि प्रयागराज में गंगा जी का ‘जल मल संक्रमित’ है. लखनऊ में सदन के पटल पर इस रिपोर्ट को झूठ साबित करते हुए कहा गया कि सब कुछ ‘नियंत्रण’ में है.
अखिलेश यादव ने आगे लिखा, दरअसल लखनऊवालों का मतलब था ‘प्रदूषित पानी’ के समाचार को फैलने से रोकने के लिए मीडिया पर नियंत्रण है. जनता पूछ रही है कि ‘न्यायालय की अवमानना’ की तरह किसी पर ‘सरकारी बोर्ड या प्राधिकरण की अवमानना’ का मुक़दमा हो सकता है क्या? यूपीवाले पूछ रहे हैं : दिल्ली-लखनऊ के बीच ये चल क्या रहा है?
यूपी प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट पर NGT ने उठाए सवाल
बता दें कि महाकुंभ में संगम के जल को लेकर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी UPPCB की रिपोर्ट भी सामने आई थी. इसमें कहा गया था कि प्रयागराज महाकुंभ में गंगा जी का जल नहाने के लिए सर्वथा उपयुक्त है. मगर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट पर National Green Tribunal यानी एनजीटी ने ही सवाल खड़े कर दिए.
एनजीटी ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ये रिपोर्ट लेटेस्ट नहीं है. एनजीटी का ये भी कहना था कि यूपी प्रदूषण बोर्ड की इस रिपोर्ट में पानी की गुणवत्ता से जुड़े सारे मापदंडों का भी जिक्र नहीं किया गया है. अब यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसको लेकर नई रिपोर्ट जारी करेगा. NGT में इस मामले पर अब अगली सुनवाई 28 फरवरी के दिन होगी.
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