अखिलेश यादव के संबोधन के बीच एक ऐसा वक्त आया जब उनकी गृहमंत्री अमित शाह के बीच चुटिले अंदाज में बातचीत हुई.
आइए आपको पूरा वाकया बताते हैं और नीचे दिए गए वीडियो में आप हल्के फुल्के माहौल में हुई सियासी भिड़ंत को देख भी सकते हैं. इसकी शुरुआत तब हुई जब अखिलेश यादव इस बिल के खिलाफ बोलने के लिए खड़े हुए. अखिलेश ने कहा कि मैं देख रहा हूं कि आज जो बिल पेश हुआ है उसपर एक्स कांग्रेस (कांग्रेस से दूसरी पार्टी जैसे बीजेपी में गए) वाले ज्यादा बोल रहे हैं.
अखिलेश यादव ने आगे कहा, 'मैं वो बात छेड़ना नहीं चाहता था लेकिन मजबूरी है अब. ये लोग कह रहे हैं कि हमारे साथी सदस्य यहां नहीं हैं. बिल को लेकर बीजेपी में एक मुकाबला चल रहा है कि खराब हिंदू कौन बड़ा है. जो पार्टी ये कहती है कि ये दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है वो अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाए अबतक.' अखिलेश यादव के इतना कहते ही अमित शाह हंसते हुए बोलने के लिए खड़े हो गए.
अमित शाह ने कहा कि, 'अखिलेश जी हंसते हंसते कहा है तो हंसते हंसते जवाब दे दूं. सामने जितनी पार्टियां उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष परिवार के पांच लोगों में से चुनना है. हमें 12 करोड़ में से चुनना है, तो देर लगेगी. आपके यहां 25 साल तक एक ही अध्यक्ष रहेगा.' जाहिर तौर पर अमित शाह ने दूसरी दलों में कथित परिवारवाद की बात पर तंज कसते हुए अपना जवाब दिया.
यहां नीचे देखिए पूरा वीडियो
अखिलेश यादव का दावा- सरकार की नाकामी छिपाने के लिए हो रही वक्फ की बात
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए ये वक्फ बिल ला रही है. उन्होंने कहा कि, 'नाकामी किसानों की आय दोगुना नहीं करने की है, नोटबंदी की नाकामी है, गंगा यमुना क्या साफ हो गईं, क्या स्मार्ट सिटी बन गई. गोद लिए गांवों की क्या दुर्दशा है. नाकामी का पर्दा इस बार वक्फ बिल बना है. जिसके लिए फैसला होना है उसकी बात को अहमियत नहीं देना भी नाइंसाफी है.' अखिलेश यादव ने एक बार फिर महाकुंभ भगदड़ में हुई लोगों की मौत का सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार उन 1000 हिंदुओं के नाम जारी करे जो भगदड़ के बाद गायब हैं.
अखिलेश ने चीन का मामला भी उठाया. अखिलेश यादव ने कहा, 'वक्फ की जमीन से बड़ा मुद्दा वो जमीन है, जिसपर चीन ने अपने गांव बसा लिए हैं. मंत्री जी (किरण रिजिजू) जिस प्रदेश से आते हैं वो बताएं कि चीन ने कितने गांव बसा लिए हैं.'