दलित सांसद रामजीलाल सुमन से मिलने आगरा जा रहे अखिलेश, उधर एक्सप्रेसवे पर तैनात हुई गजब की फोर्स – देखें वीडियो

सपा प्रमुख अखिलेश यादव शनिवार को दलित सांसद रामजीलाल सुमन से मिलने आगरा पहुंच रहे हैं. उनके दौरे से पहले ही एक्सप्रेसवे पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई. जानिए पूरा मामला.

Akhilesh Yadav Agra visit

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज शनिवार को आगरा दौरे पर हैं. अखिलेश यादव का काफिला सैफई से आगरा के लिए रवाना हो चुका है. उनका यह दौरा पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन से मुलाकात के लिए तय हुआ है. इस मुलाकात को लेकर सियासी हलकों में खासा हलचल है, क्योंकि हाल ही में दिए गए एक विवादित बयान को लेकर प्रदेश भर में बवाल मचा हुआ था.

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क्या है पूरा मामला?

21 मार्च को सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने राणा सांगा को लेकर एक टिप्पणी की थी, जिसे लेकर करणी सेना और राजपूत संगठनों ने तीव्र आपत्ति जताई थी. इसके विरोध में 12 अप्रैल को करणी सेना ने आगरा में प्रदर्शन किया, जहां तलवारें लहराई गईं और जमकर नारेबाजी हुई. प्रदर्शन के दौरान अखिलेश यादव और रामजीलाल सुमन के खिलाफ तीखे और भड़काऊ बयान भी दिए गए.

अखिलेश के आगरा जाने के कार्यक्रम के बीच UPTak के रिपोर्टर ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर स्थित फतेहाबाद टोल प्लाजा का जाजया लिया. यह टोल प्लाजा अखिलेश यादव के आगरा में प्रवेश का अंतिम बिंदु है, जहां से उनका काफिला शहर की ओर जाएगा. यहां पर पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है. हेलमेट, लाठी और सुरक्षा कवच के साथ सुरक्षाकर्मी अलर्ट मोड में हैं. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी पहुंचने लगे हैं. माना जा रहा है कि अखिलेश यादव का ज़ोरदार स्वागत किया जाएगा.

यहां नीचे देखिए वीडियो

सांसद रामजीलाल सुमन ने क्या कहा?

सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने अखिलेश यादव के आगरा दौरे को भावनात्मक और राजनीतिक समर्थन से जोड़ते हुए कहा, 'अखिलेश जी हमसे मिलने आ रहे हैं. पूरी घटना पर मुझसे बात करने आ रहे हैं. 2027 आने दीजिए, हम देख लेंगे. हम धन्यवाद देते हैं कि अखिलेश यादव ने इस विषय की गंभीरता को समझा और हमारे साथ खड़े रहे.' 

सपा अध्यक्ष का यह दौरा केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि साफ संदेश है कि पार्टी अपने नेताओं के साथ मजबूती से खड़ी है. करणी सेना के प्रदर्शन के जवाब में आज समाजवादी पार्टी भी अपनी एकजुटता और राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करेगी. आपको बता दें कि अखिलेश यादव पहले ही अपने नेताओं को धार्मिक स्थलों या ऐतिहासिक विषयों पर विवादित बयानबाजी से बचने की सलाह दे चुके हैं. 

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