देर रात सैफई पहुंचे अखिलेश, आज मैनपुरी-रामपुर के लिए घोषित करेंगे कैंडिडेट? BJP भी तैयार!

अमित तिवारी

• 04:54 AM • 08 Nov 2022

Mainpuri, Rampur by election news: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है और इसकी वजह बना है मैनपुरी लोकसभा सीट और…

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Mainpuri, Rampur by election news: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है और इसकी वजह बना है मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर विधानसभा सीट का चुनाव. समाजवादी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है. इसके अलावा हेट स्पीच में सजा मिलने के बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता भी खत्म हो गई है और रामपुर सीट खाली हो गई है. हालांकि अभी तक यूपी में किसी बड़े राजनीतिक दल ने इन सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है. वैसे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव सोमवार देर रात सैफई पहुंच गए हैं. ऐसी संभावना है कि मैनपुरी और रामपुर के लिए प्रत्याशियों का आधिकारिक ऐलान हो सकता है.

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आपको बता दें कि मैनपुरी और रामपुर में उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने शेड्यूल जारी कर दिया है. चुनाव आयोग के अनुसार, इन दोनों जगह 5 दिंसबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे. 10 नवंबर को मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट खाली हो गई. ऐसे में चौतरफा चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि आखिर अखिलेश यादव मैनपुरी से किसे प्रत्याशी बनाएंगे.

सबसे अधिक जिस नाम की चर्चा है, वह है तेज प्रताप सिंह यादव. तेज प्रताप लालू यादव के दामाद हैं और मैनपुरी से 2014 का लोकसभा उपचुनाव जीत चुके हैं. हालांकि एक कयासबाजी यह भी है कि कहीं अखिलेश मैनपुरी से डिंपल या शिवपाल यादव को ही उम्मीदवार न बना दें.

रामपुर सीट को लेकर भी सबकी उत्सुकता चरम पर है. असल में पिछले दिनों आजम खान को हेट स्पीच के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी. आजम खान ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान मिलक कोतवाली इलाके में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी और सीएम योगी के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. इसके अलावा अधिकारियों को भी भला-बुरा बोलते हुए भड़काऊ भाषण दिया था.

2022 में आजम खान ने रामपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में जीत के बाद उन्होंने रामपुर लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. बाद में रामपुर लोकसभा का उपचुनाव बीजेपी ने जीत लिया. इधर सजा मिलने के बाद आजम खान की विधायकी भी चली गई. अब लोगों को इस बात का इंतजार है कि आखिर रामपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी किसे कैंडिडेट बनाएगी? क्या आजम खान के परिवार या चाहने वालों को टिकट मिलेगा या कहीं इस बार सपा यहां से गैर-मुस्लिम को तो नहीं लड़ा देगी?

उधर, बीजेपी की भी तैयारी पूरी

आपको बता दें कि मैनपुरी और रामपुर में सपा की बादशाहत को ध्वस्त करने के लिए बीजेपी ने भी पूरी तैयारी कर ली है. 2019 के चुनाव में इस सीट से बीजेपी ने मुलायम के खिलाफ प्रेम सिंह शाक्य को उतारा था. तब शाक्य को 4 लाख 30 हजार से अधिक वोट मिले थे. वहीं मुलायम सिंह यादव को 5 लाख 24 हजार से अधिक वोट मिले थे. हार के बावजूद शाक्य के प्रदर्शन की चर्चाएं हुई थीं. ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव में उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है.

हालांकि मैनपुरी से बीजेपी की तरफ से जयवीर सिंह के नाम पर भी चर्चा हो रही है. कैबिनेट मंत्री और मैनपुरी सदर सीट से विधायक जयवीर सिंह ने पिछले दिनों दावा भी किया कि उपचुनाव में यहां बीजेपी को जीत मिलेगी. अब देखना यह है कि आखिर मैनपुरी और रामपुर से बीजेपी किसे अपना उम्मीदवार बनाती है.

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