UP चुनाव 2022: रामपुर में इस तारीख को होगी वोटिंग, जानिए सभी सीटों का मौजूदा सियासी हाल

यूपी तक

• 03:56 PM • 08 Jan 2022

चुनाव आयोग (Election Commission) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly election) 2022 की तारीखों का ऐलान कर दिया है. चुनाव आयोग ने प्रेस…

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चुनाव आयोग (Election Commission) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly election) 2022 की तारीखों का ऐलान कर दिया है. चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि यूपी में 7 चरणों में चुनाव होंगे. 10 फरवरी से 7 मार्च तक वोटिंग चलेगी. 10 मार्च को चुनाव रिजल्ट की घोषणा होगी.

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चुनाव आयोग की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, रामपुर में दूसरे चरण के तहत 14 फरवरी को वोटिंग होगी.

आइए रामपुर जिले की प्रोफाइल पर एक नजर डालते हैं-

रामपुर उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख ऐतिहासिक जिला है. यहां के बने हुए चाकुओं को रामपुरी चाकू कहा जाता है जो विश्व प्रसिद्ध हैं. रामपुर जिला आज भी पूरे भारत में नवाबों की नगरी के नाम से जाना जाता है. बात अगर यहां की ऐतिहासिक धरोहरों की हो, तो रजा लाइब्रेरी का जिक्र सबसे पहले आएगा. यह भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण मध्य एशिया की प्रसिद्ध लाइब्रेरियों में से एक है.

रामपुर आबादी के लिहाज से मुस्लिम बाहुल्य जिला है. यहां पर दिल्ली, लखनऊ और हैदराबाद की तरह ही दस्तरखान मशहूर है. यहां के लोग बिरयानी, कबाब, कोरमा, शाही टोस्ट, दलीम खाना पसंद करते हैं. यहां का हब्शी हलवा, सोहन और रबड़ी भी प्रसिद्ध है.

दिल्ली के बाद रामपुर ही ऐसा शहर है, जहां गांधी समाधि है. दरअसल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मृत्यु के बाद 11 फरवरी, 1948 को उनकी अस्थियां रामपुर के नवाब दिल्ली से यहां लेकर आए थे. उनकी अस्थियों का कुछ हिस्सा कोसी नदी में विसर्जित कर दिया गया, जबकि शेष अस्थियों को सोने के कलश में रखकर दफन किया गया था. रामपुर राजनीतिक मायनों से भी अहम है क्योंकि यूपी के कद्दावर नेता और सपा सासंद आजम खान की यह कर्मभूमि है.

क्या है रामपुर का राजनीतिक इतिहास?

आजादी के बाद रामपुर के पहले सांसद मौलाना अबुल कलाम आजाद (कांग्रेस) बने थे. इसके बाद नवाब मुर्तजा अली खान (कांग्रेस), नवाब जुल्फिकार अली खान उर्फ मिक्की मियां (कांग्रेस), डॉ राजेंद्र प्रसाद शर्मा (जनसंघ), बेगम नूर बानो (कांग्रेस), मुख्तार अब्बास नकवी (बीजेपी), जयाप्रदा (एसपी), डॉक्टर नेपाल सिंह (बीजेपी) और वर्तमान सांसद आजम खान (एसपी) रामपुर के सांसद हैं.

आजम खान के जेल में बंद होने से किसको फायदा?

इस बात में लगभग हर किसी की सहमति बन सकती है कि रामपुर विधानसभा क्षेत्र सांसद आजम खान की वजह से एसपी का एक मजबूत किला है. लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एसपी के इस किले में कुछ हद तक सेंध लगाई थी और 5 विधानसभा सीटों में से 2 पर जीत हासिल की थी.

2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद रामपुर सांसद आजम खान और उनके परिवार के लिए समय अच्छा नहीं रहा है. एसपी सांसद आजम खान और उनके बेटे कई मामलों में जेल में बंद हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि आजम खान के जेल में होने से सहानुभूति लहर के चलते समाजवादी पार्टी को रामपुर जिले में फायदा हो सकता है. अब देखना यही होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में रामपुर की जनता अपने पुराने नेता के साथ जाती है या फिर बीजेपी या बीएसपी को इस क्षेत्र से बढ़त बनाने में कामयाब हासिल होती है.

रामपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र:

  1. रामपुर

  2. चमरवा

  3. बिलासपुर

  4. स्वार-टांडा

  5. मिलक

  • 2017 के चुनाव में रामपुर विधानसभा क्षेत्र में एसपी का दबदबा रहा था. एसपी ने 5 में से 3 विधानसभा सीट जीती थीं जबकि 2 सीट बीजेपी के हिस्से में आई थीं.

  • वहीं, बात अगर 2012 के चुनावों की हो तो एसपी और कांग्रेस ने 2-2 जबकि बीएसपी ने 1 विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी.

रामपुर जिले की विधानसभा सीटों का विस्तार से विवरण:

रामपुर

2017: इस चुनाव में एसपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने बीजेपी के शिव बहादुर सक्सेना को मात दी थी. दोनों को मिले वोटों का अंतर 46,842 था. 2019 में आजम खान के सांसद बनने के बाद हुए उप चुनाव में उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातमा ने जीत हासिल की थी.

2012: इस चुनाव में भी एसपी के आजम खान की जीत हुई थी. उन्होंने कांग्रेस के डॉक्टर तनवीर अहमद खान को 63,269 वोटों के बड़े अंतर से हराया था.

चमरवा

2017: इस बार के चुनाव में एसपी के नसीर अहमद खान ने बीएसपी के अली युसूफ अली को 34,376 वोटों से हराया था.

2012: इस चुनाव में बीएसपी के अली युसूफ अली ने एसपी के नसीर अहमद खान को महज 1,846 वोटों से हराया था.

बिलासपुर

2017: इस चुनाव में बीजेपी के बलदेव सिंह औलख ने कांग्रेस के संजय कपूर को 22,359 वोटों से हराया था.

2012: इस चुनाव में कांग्रेस के संजय कपूर ने एसपी की बीना भरद्वाज को 10,177 वोटों से हराया था.

स्वार-टांडा

2017: इस चुनाव में यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे और एसपी उम्मीदवार मोहम्मद अब्दुल्लाह आजम खान की जीत हुई थी. उन्होंने बीजेपी की लक्ष्मी सैनी को 53,096 वोटों के अंतर से हराया था.

2012: इस चुनाव में कांग्रेस के नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां ने बीजेपी की लक्ष्मी सैनी को 13,715 वोटों से हराया था.

मिलक

2017: इस विधानसभा चुनाव में इस में मिलक सीट पर बीजेपी ने कब्जा किया था. बीजेपी की राजबाला ने एसपी के विजय सिंह को 16,667 वोटों से हराया था.

2012: इस चुनाव में एसपी के विजय सिंह ने कांग्रेस के चंद्रपाल सिंह को 20,163 वोटों के अंतर से हराया था.

पिछड़ रहा है रामपुर का पारंपरिक रोजगार

ऐसा कहा जाता है कि रामपुर में किसी जमाने में इतने रोजगार हुआ करते थे कि इसका नाम पूरे उत्तर प्रदेश में कानपुर के बाद आता था. मौजूदा वक्त में रामपुर रोजगार के मामले में पिछड़ सा रहा है. अब यहां पर कुछ परंपरागत रोजगार भी थोड़े बहुत बचे हैं, जिनमें आधा दर्जन से कम चाकू के कारखाने, टोपी बनाना, जरी-जरदोजी, बीड़ी बनाने का काम शामिल है. रामपुर के चाकू देश-विदेश में मशहूर हैं. बाजार में चाइनीज चाकू आ जाने के बाद से रामपुरी चाकू का व्यापार काफी हद तक घट गया है. इस उद्योग से जुड़े लोग बताते हैं कि सरकार ने इस ओर कोई ठोस काम नहीं किया है, जिससे वे बेरोजगारी की ओर बढ़ रहे हैं.

सवार-टांडा में लालपुर का पुल कब बनेगा?

समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान सवार-टांडा विधानसभा क्षेत्र में लालपुर का पुल आजम खान ने फिर से बनवाना शुरू किया था. इसके कुछ समय ही बाद यूपी में बीजेपी की सरकार आ गई. बीजेपी सरकार ने इस पुल को बनवाने के लिए फंड भी जारी किया, लेकिन किसी कारण वह फंड वापस हो गया था. पिछले 5 सालों से यह पुल नहीं बन पाया है, जिससे स्थानीय लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. खबर है कि दोबारा से इस पुल के निर्माण के लिए फंड आ चुका है और आगामी 18 नवंबर के बाद से काम शुरू होने की संभावना है.

यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में विपक्ष सरकार को इन मुद्दों के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी घेरने की कोशिश करेगा. अब यह देखना अहम रहेगा कि आने वाले समय में रामपुर की जनता किस पार्टी को अपना आशीर्वाद देती है.

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