दक्षिण दिल्ली के अंबेडकर नगर इलाके में एक दुखद घटना सामने आई है. यहां उत्तर प्रदेश के बरेली के चार एसी मैकेनिक अपने कमरे में मृत पाए गए. आशंका जताई जा रही है कि उनकी मौत जहरीली गैस के रिसाव या दम घुटने से हुई है. यह घटना शनिवार सुबह तब सामने आई जब उनमें से एक पीड़ित के चचेरे भाई ने पुलिस से संपर्क किया क्योंकि उसका भाई फोन का जवाब नहीं दे रहा था.
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कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस को शनिवार सुबह 11 बजे अंबेडकर नगर थाने में एक आपातकालीन कॉल मिली. सूचना मिलते ही पुलिस टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची. घर अंदर से बंद था. स्थानीय लोगों और शिकायतकर्ता की मदद से दरवाजा तोड़कर खोला गया. अंदर जाने के बाद पुलिस ने पहली मंजिल पर 25 गज के कमरे में चारों युवकों को बेहोश पाया.
पीड़ितों की पहचान और अस्पताल में भर्ती
मृतकों की पहचान इमरान उर्फ सलमान (30), मोहसिन (20), हासिब और कपिल उर्फ अंकित रस्तोगी (18) के रूप में हुई है. ये सभी मूल रूप से बरेली के रहने वाले थे. चारों को तुरंत डॉ. अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें सफदरजंग अस्पताल और एम्स ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में उनमें से तीन को मृत घोषित कर दिया गया था, जबकि चौथे युवक हासिब ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
दम घुटने या जहरीली गैस का अंदेशा
पुलिस ने बताया कि कमरा बहुत हवादार नहीं था और सामान से भरा हुआ था. शुरुआती जांच में अनुमान लगाया जा रहा है कि इन युवकों की मौत दम घुटने या उनके एसी गैस भरने वाले सिलेंडर से गैस रिसाव के कारण हुई हो सकती है. हालांकि मौत की सही वजह का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही चलेगा.
जांचकर्ताओं ने पाया कि यह एक कमरे का घर रहने की जगह और उनके काम की भी जगह के रूप में इस्तेमाल हो रहा था. इसमें एसी के पुर्जे, उपकरण और मरम्मत किट भरी हुई थीं. इन सामानों की वजह से कमरे में स्पेस काफी कम था. जांच के दौरान कमरे में जबरन घुसने, मारपीट या मृतकों के शरीर पर चोट के कोई निशान भी नहीं थे.
फॉरेंसिक जांच जारी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच की है और नमूने फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) को भेजे गए हैं. FSL रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है ताकि मौत के सटीक कारण का पता चल सके. मृतकों के परिजनों ने पुलिस को बताया कि वे सभी आर्थिक तंगी में थे और बेहतर अवसरों की तलाश में दिल्ली आए थे. सबसे कम उम्र का पीड़ित कपिल था, जिसने अपने पिता को खो दिया था. कपिल अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए काम कर रहा था, जबकि हासिब भी अपने परिवार के लिए धन जुटाने की कोशिश कर रहा था. एक रिश्तेदार ने बताया, 'वे कभी-कभी घर पर अधिक पैसे भेजने के लिए खाना भी छोड़ देते थे. गर्मी का मौसम ही उनके लिए कमाने का एकमात्र समय था.'
ये चारों मैकेनिक स्थानीय ठेकेदारों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से काम करते थे. पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि वे शांत, मेहनती युवक थे और ज्यादातर घर के अंदर रहते थे और देर रात तक काम करते थे. दक्षिण जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एसीपी अंबेडकर नगर की निगरानी में चल रही जांच की निगरानी कर रहे हैं. पुलिस ने मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है.
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