‘ASI रिपोर्ट में दोगलापन और…’ ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा के बाद मुस्लिमों ने बंद की दुकानें

समर्थ श्रीवास्तव

02 Feb 2024 (अपडेटेड: 02 Feb 2024, 12:08 PM)

कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाने में 31 साल बाद पूजा शुरू हुई है. अब इसको लेकर काशी के मुसलमानों में गुस्सा है. मुस्लिम समाज का कहना है कि यहां कभी कोई पूजा नहीं हुई है. इसको लेकर वाराणसी में आज मुसलमानों की दुकानें बंद हैं.

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Varanasi Gyanvapi Case: आज वाराणसी में मुसलमानों की दुकाने बंद हैं.  मुस्लिम इलाकों में चहल-पहल भी कम है. आज यानी शुक्रवार को काशी के मुसलमानों ने अपनी-अपनी दुकानों को बंद रखने का ऐलान किया है. इसका असर साफ देखा जा रहा है. ज्यादातर सभी मुसलमानों ने अपनी दुकानों को बंद रखा है. ज्ञानवापी के पास जितनी भी मुस्लिम दुकाने हैं, वह भी पूरी तरह से बंद हैं.

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दरअसल वाराणसी ज्ञानवापी में मौजूद व्यास जी तहखाने में पूजा शुरू हो गई है. वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद ये पूजा शुरू हुई है. अब इसको लेकर वाराणसी के मुसलमानों में गुस्सा है. इसी को लेकर आज यानी शुक्रवार को वाराणसी के मुसलमानों ने अपनी दुकानों को बंद रखा है 

ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा के बाद नाराजगी

बता दें कि वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा शुरू हो गई है. कोर्ट के आदेश के 10 घंटे के अंदर ही प्रशासन ने व्यास जी के तहखाने में पूजा शुरू करवा दी थी. बता दें कि यह तहखाना ज्ञानवापी परिसर में हैं. इसी बात को लेकर वाराणसी के मुसलमानों में नाराजगी है और इसके ही विरोध में उन्होंने अपनी दुकानों को बंद रखा है.  

UP Tak ने वाराणसी के मुसलमानों से इस मामले पर बात की. इस दौरान लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया. काशी के मुसलमानों ने कहा कि तहखाने में पूजा शुरू होना दोगलापन है. यहां हमेशा मस्जिद ही थी.

मो. हारून ने बताया कि, हम ज्ञानवापी में नमाज पढ़ते हैं. वहां पहली बार ये सब हो रहा है. ASI रिपोर्ट गलत है. ये रिपोर्ट झूठ है. ASI रिपोर्ट में दोगलापन है. बचपन से हम लोग यही रहते हैं. बचपन से नमाज पढ़ रहे हैं. अब मामला कोर्ट में हैं. कोर्ट का आदेश मानना हमारी मजबूरी है. हम लोग इसको लेकर काफी नाराज हैं. यहां कभी ये सारी बातें नहीं हुई. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या औरंगजेब ने यहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. 

काशी के मुसलमानों का कहना है कि जो तहखाने में पूजा शुरू हुई है, वह गलत है. यहां हमेशा से मस्जिद थी. इस दौरान लोगों ने एएसआई रिपोर्ट को फर्जी बताया है. 

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