प्रयागराज हिंसा: जावेद के घर से मिले ‘फटे पर्चे’ को सबूत बनाएगी पुलिस, क्या लिखा है इसमें?

पंकज श्रीवास्तव

• 08:33 AM • 15 Jun 2022

उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिला प्रशासन और पुलिस ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद शहर के अटाला और करेली क्षेत्र में पुलिस पर…

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उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिला प्रशासन और पुलिस ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद शहर के अटाला और करेली क्षेत्र में पुलिस पर पथराव की घटना के आरोपी मोहम्मद जावेद उर्फ जावेद पंप का दो मंजिला बंगला रविवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था. अब इसी मामले में प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार ने एक बड़ा दावा किया है.

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एसएसपी के प्रेसनोट के अनुसार, “नियमानुसार ध्वस्तीकरण के वक्त मोहम्मद जावेद के मकान की सर्चिंग के दौरान एक आधा फटा हुआ टाइपशुदा पर्चा मिला था, जिसका मजमून कुछ इस प्रकार था, “सुनो साथियों, 10 जून को जुमा के दिन अटाला पहुंचना होगा. वहां इकट्ठा होना है, जो भी अड़चन बनेगा उस पर वार करना होगा. हमें अदालत पर भरोसा नहीं है.”

प्रेसनोट में आगे बताया गया है, “इस पर्चे को पुलिस के द्वारा सीज कर लिया गया है. यह एक अहम सबूत है. इस सबूत को तफतीश में शामिल किया जा रहा है. किसी भी दोषी को कतई बख्शा नहीं जाएगा.”

जावेद के घर से और क्या क्या मिला था?

जिस दिन जावेद का घर ध्वस्त किया गया था, तब एसएसपी ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा था, “ध्वस्तीकरण के दौरान पुलिस ने मकान की तलाशी भी ली जिसमें कई आपत्तिजनक सामान भी मिले हैं. इनमें अवैध असलहे और आपत्तिजनक पोस्टर आदि शामिल हैं जिन्हें कब्जे में ले लिया गया है.”

उन्होंने बताया था कि मकान से बरामद सामानों में 12 बोर का एक अवैध तमंचा, 315 बोर का एक अवैध तमंचा और कई कारतूस शामिल हैं. इसके अलावा, कुछ कागजात बरामद हुए हैं जिनमें माननीय न्यायालय पर तल्ख और आपत्तिजनक टिप्पणी जावेद द्वारा की गई है.

एसएसपी ने बताया था, “तलाशी के दौरान कई साहित्य, किताबें भी मिली हैं जिनकी पड़ताल की जाएगी.” एसएसपी ने कहा था कि अभी तक जितने भी झंडे, पोस्टर, बैनर और कागजात मिले हैं, उनकी गहराई से पड़ताल की जाएगी और पता लगाया जाएगा कि इसके पीछे मंशा क्या थी.’

पीडीए के एक अधिकारी ने बताया था कि जावेद का मकान पीडीए से नक्शा पास कराए बगैर बनाया गया था जिसके लिए उसे 10 मई, 2022 को नोटिस जारी किया गया था और उसे अपना पक्ष रखने के लिए 24 मई, 2022 की तिथि आबंटित की गई थी. उन्होंने बताया कि निर्धारित तिथि पर जावेद या फिर उनका वकील नहीं आया और ना ही कोई अभिलेख प्रस्तुत किया गया, इसलिए 25 मई को ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गया.

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