पैर से निकला 2 किलो का 15 सेमी लंबा ट्यूमर... प्रयागराज के सुनील कुमार को क्या हुआ था?

प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. यहां एक 20 साल के युवक सुनील कुमार के पैर से 15 सेंटीमीटर लंबा और 2 किलोग्राम वजनी ट्यूमर ऑपरेशन के जरिए निकाला गया है.

tumor removed from leg

आनंद राज

• 01:05 PM • 06 Oct 2025

follow google news

प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. यहां एक 20 साल के युवक सुनील कुमार के पैर से 15 सेंटीमीटर लंबा और 2 किलोग्राम वजनी ट्यूमर ऑपरेशन के जरिए निकाला गया है. ये ट्यूमर ऑस्टियोकांड्रोमा नामक बीमारी के कारण विकसित हुआ था. डॉक्टरों के अनुसार यह अब तक के टीबिया बोन का सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है. यह सर्जरी सीनियर आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. मनीष शुक्ला की देखरेख में किया गया है.

यह भी पढ़ें...

साल 2011 से पैर का गांठ कर रहा था परेशान

प्रयागराज के कोरांव गांव के रहने वाले सुनील कुमार साल 2011 से अपने दाहिने पैर में गांठ से परेशान थे.  यह गांठ धीरे-धीरे बढ़ती गई और इतना बड़ा आकार ले लिया कि वे चलने-फिरने में असमर्थ हो गए. गरीबी के कारण वह लंबे समय तक अपना इलाज नहीं करा पाए. हाल ही में जब वह एसआरएन अस्पताल पहुंचे तो एमआरआई, सीटी स्कैन और बायोप्सी के बाद डॉक्टरों ने पाया कि यह एक बिनाइन ट्यूमर था जो लगातार नसों पर दबाव डाल रहा था. इस दबाव के चलते डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी का फैसला लिया.

टीबिया बोन की अब तक की सबसे बड़ी सर्जरी

जानकारी के अनुसार, इससे पहले साल 2023 में कर्नाटक में टीबिया बोन का 13 सेंटीमीटर लंबा ऑस्टियोकांड्रोमा केस दर्ज हुआ था. प्रयागराज का ये मामला उससे भी बड़ा है. इस सर्जरी का नेतृत्व सीनियर आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. मनीष शुक्ला ने किया. करीब दो घंटे तक चले इस ऑपरेशन में डॉक्टरों की टीम ने सावधानी से हड्डी से ट्यूमर को अलग किया. ट्यूमर नसों और मांसपेशियों के बेहद करीब था जिससे नसों को नुकसान पहुंचने का गंभीर खतरा था. इसके बावजूद पूरी टीम ने सफलता हासिल की.

डॉक्टर ने क्या कहा

डॉ. मनीष शुक्ला ने बताया कि यह ऑपरेशन बेहद जटिल था क्योंकि ट्यूमर नसों और मांसपेशियों के करीब था और नसों के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने का खतरा था. फिर भी ऑपरेशन सफल रहा और मरीज की हालत स्थिर है. डॉक्टरों के अनुसार सुनील कुछ ही दिनों में अपने पैरों पर चलने में सक्षम होंगे.

प्रधानाचार्य प्रो. (डॉ.) वी.के. पांडेय ने कहा कि 'एसआरएन अस्पताल के डॉक्टर कठिन से कठिन सर्जरी में बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने ऑपरेशन करने वाली टीम को बधाई दी और कहा कि इस तरह की सफलताएं मरीजों का विश्वास और मजबूत करती हैं.'

ये भी पढ़ें: बागपत का संदीप करने गया था तीसरी शादी मगर हो गया लापता! पत्नी गीता का सनसनीखेज दावा

 

 

    follow whatsapp