उत्तर प्रदेश के जालौन जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां रेढ़र थाना क्षेत्र के बुढ़ावली गांव में एक मां ने अपने बेटे का शव देखा तो उसकी भी सांसें थम गईं. बेटे की मौत का सदमा वह सहन नहीं कर सकीं और कुछ ही देर में उन्होंने भी दम तोड़ दिया. एक ही घर से मां और बेटे की अर्थियां एक साथ उठीं तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई.
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सैलून चलाने वाले बेटे की अचानक मौत
जानकारी के अनुसार, मृतक हरीप्रकाश याज्ञिक उर्फ छौना (39 वर्ष) बुढ़ावली गांव के रहने वाले थे. वे अपने बड़े भाई हरीशंकर याज्ञिक (42 वर्ष) के साथ माधौगढ़ के मालवीय नगर में रहते थे. दोनों भाई अलग-अलग सैलून चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते थे.
गुरुवार की दोपहर हरीप्रकाश अपने सैलून में काम कर रहे थे तभी अचानक सीने में तेज दर्द उठा. उन्हें तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, माधौगढ़ ले जाया गया. डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताकर उन्हें उरई मेडिकल कॉलेज और वहां से झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. लेकिन शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
बेटे का शव देखकर मां की भी चली गई जान
हरीप्रकाश का शव जब शुक्रवार दोपहर गांव बुढ़ावली पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया. बेटे का शव देखते ही मां किशोरी देवी (72 वर्ष) जमीन पर गिर पड़ीं और कुछ ही देर में उन्होंने भी दम तोड़ दिया. परिवार और ग्रामीणों के मुताबिक, किशोरी देवी अपने बेटे से बेहद लगाव रखती थीं. बेटे की अचानक मौत का सदमा वे सह नहीं पाईं. कुछ ही घंटों में मां-बेटे दोनों की लाशें एक ही घर में रखी थीं.
घर से एक साथ उठीं दो अर्थियां
बुढ़ावली गांव में इस दर्दनाक घटना की खबर फैलते ही शोक की लहर दौड़ गई. गांव के लोग अंतिम संस्कार की तैयारियों में शामिल हुए लेकिन माहौल इतना गमगीन था कि हर आंख नम थी. एक ही घर से मां और बेटे की दो अर्थियां एक साथ उठीं तो हर कोई यही कह रहा था कि “मां अपने बेटे के बिना जी नहीं सकी.”
परिजनों ने कही ये बात
मृतक के बड़े भाई हरीशंकर याज्ञिक ने बताया कि हरीप्रकाश अविवाहित थे और अपने काम में पूरी तरह समर्पित रहते थे. पिता मायाराम का निधन करीब पांच साल पहले ही हो गया था. अब मां और छोटे भाई दोनों के चले जाने से परिवार पूरी तरह टूट गया है.
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