गौकशी मामले में गोमांस गायब करने के आरोप में मुरादाबाद के 10 पुलिसकर्मी निलंबित, एसएसपी ने की सख्त कार्रवाई

मुरादाबाद में गौकशी के आरोपियों को छोड़ने और बरामद गोमांस गायब करने के मामले में एसएसपी सतपाल अंतिल ने 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. जांच में लापरवाही और स्वेच्छाचारिता के सबूत मिलने पर यह कड़ी कार्रवाई की गई है.

जगत गौतम

• 02:14 PM • 03 Sep 2025

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Moradabad Cow Slaughter Case: मुरादाबाद जिले में गौकशी के आरोपियों को छोड़ने और बरामद गोमांस गायब होने के गंभीर मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सतपाल अंतिल ने कड़ी कार्रवाई की है. बता दें कि जांच में पुलिसकर्मियों की लापरवाही और स्वेच्छाचारिता साबित होने के बाद थाना अध्यक्ष, चौकी प्रभारी, उपनिरीक्षक सहित कुल दस पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इस कदम से पुलिस प्रशासन ने साफ संदेश दिया है कि किसी भी स्तर पर अपराध और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. 

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बरामद गोमांस हुआ गायब

मिली जानकारी के अनुसार, गौकशी के आरोपियों की कार से जब गोमांस बरामद किया गया था, तब संबंधित पुलिसकर्मियों ने इसे गायब कर दिया था. यह मामला एसएसपी सतपाल अंतिल के संज्ञान में आते ही उन्होंने तुरंत CO और SOG टीम को जांच के लिए लगाया. इसके बाद  जांच के दौरान पुलिस ने जमीन खोदकर गोमांस भी बरामद किया, जिससे पता चला कि पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे थे और गंभीर लापरवाही कर रहे थे.

इन पुलिसकर्मियों को किया गया निलंबित

एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कुल दस पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जिनमें प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार (थाना पाकबड़ा), चौकी प्रभारी और उपनिरीक्षक अनिल कुमार (ग्रोथ सेंटर), उपनिरीक्षक महावीर सिंह (थाना पाकबड़ा), मुख्य आरक्षी बंसत कुमार और धीरेन्द्र कसाना (दोनों थाना पाकबड़ा), आरक्षी मोहित और मनीष (थाना पाकबड़ा), साथ ही उपनिरीक्षक तस्लीम, आरक्षी राहुल और आरक्षी चालक सोनू सैनी, जो यूपी-112 पीआरवी में तैनात हैं, शामिल हैं. इन सभी पुलिसकर्मियों पर गंभीर लापरवाही और स्वेच्छाचारिता के आरोप लगे हैं, जिसके कारण यह कड़ी कार्रवाई की गई है.

गंभीर आरोपों के तहत निलंबन

आपको बता दें कि इन पुलिसकर्मियों पर पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता और अकर्मण्यता बरतने के गंभीर आरोप हैं. पुलिस विभाग ने नियमावली-1991 के तहत त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी को निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई पुलिस विभाग में अनुशासन कायम करने और जनता का विश्वास बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

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