Meerut Metro News: मेरठ मेट्रो रेल परियोजना अब अपने अंतिम चरण में है. यह भारत की पहली ऐसी अनूठी परियोजना है, जहां एक ही ट्रैक और कॉरिडोर पर सेमी-हाई स्पीड ट्रेन नमो भारत व मेरठ मेट्रो का संचालन किया जाएगा. इसका पहला कॉरिडोर अब पूरी तरह से तैयार हो चुका है. उम्मीद है इसे जल्द ही आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. आज आप इस खबर में अन्य अहम जानकारियों के साथ देखें अंदर से कैसी लगती है मेरठ मेट्रो.
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- पहला चरण: मेरठ साउथ स्टेशन से मोदीपुरम डिपो तक.
- कुल लंबाई: लगभग 23 किलोमीटर.
- कुल स्टेशन: 13 स्टेशन (9 एलिवेटेड/ऊपर, 3 भूमिगत/अंडरग्राउंड, 1 एट-ग्रेड डिपो)
- मेट्रो की स्पीड: अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटा.
- यात्रा का समय: मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक का सफर महज 30 मिनट में पूरा होगा.
- निर्माण लागत: इस पूरी परियोजना की लागत लगभग 11540 करोड़ रुपये है.
मेरठ मेट्रो की सबसे बड़ी खासियत इसका इंटीग्रेटेड मॉडल है. मेरठ साउथ से मोदीपुरम के बीच का यह कॉरिडोर साझा है. इसी ट्रैक पर नमो भारत ट्रेन भी दिल्ली से आएगी. यात्रियों की सुविधा के लिए कुछ मुख्य स्टेशन (जैसे मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम) इंटरचेंज पॉइंट के रूप में काम करेंगे. इन स्टेशनों पर आइलैंड प्लेटफॉर्म की व्यवस्था की गई है. इसकी मदद से यात्री एक तरफ नमो भारत ट्रेन से उतरकर सामने वाले प्लेटफॉर्म से मेरठ मेट्रो पकड़ सकते हैं. उन्हें ज्यादा चलना नहीं पड़ेगा.
कैसे होगी नमो भारत और मेरठ मेट्रो की पहचान
नमो भारत ट्रेन और मेरठ मेट्रो की पहचान के लिए उनके बाहरी डिजाइन में अंतर रखा गया है. नमो भारत ट्रेन पर मरून रंग की धारी है. मेरठ मेट्रो पर पैरेट ग्रीन (तोतई) रंग की धारी है.
मेरठ मेट्रो में सुविधा के लिए किस चीज का ध्यान रखा गया है?
मेरठ मेट्रो में दिल्ली मेट्रो की तुलना में गद्देदार सीटें लगाई गई हैं. तीन डिब्बों वाली इन ट्रेनों में करीब 700 से अधिक यात्रीएक साथ सफर कर सकेंगे. सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (PSD), लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी.
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