मोटापा घटाने का इलाज कराने के दौरान मेरठ में जिस महिला की हुई मौत, उनके केस में अब ये पता चला

मेरठ में वेट लॉस सर्जरी के बाद एक महिला की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर पर खराब स्टिचिंग और संक्रमण फैलने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. मृतक महिला भाजपा नेता की बहन थीं. जानें इस मामले में क्या पता चला.

Meerut weight loss surgery death (representative image).)

उस्मान चौधरी

• 09:37 AM • 17 Jul 2025

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Meerut news: मेरठ में मोटापा कम करने की सर्जरी (Meerut Weight Loss Surgery) कराने के बाद एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. इस घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और डॉक्टर पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है. मृतक महिला एक स्थानीय भाजपा नेता की बहन बताई जा रही हैं. फिलहाल मेरठ में यह मामला और भी गरमा गया है.

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क्या है पूरा मामला?

मृतका का नाम रजनी गुप्ता था. इनकी उम्र लगभग 55 साल थी. मामला मेरठ के एक निजी अस्पताल का है. यहां डॉ. ऋषि सिंघल रजनी गुप्ता का इलाज कर रहे थे. रजनी गुप्ता की 11 जुलाई को मोटापा कम करने के लिए 'बेरियाट्रिक सर्जरी' (Bariatric Surgery) हुई थी. सर्जरी के4 दिनों बाद ही मंगलवार 15 जुलाई को रजनी गुप्ता की मौत हो गई. 

परिजनों के गंभीर आरोप: 'डॉक्टर की लापरवाही से हुई मौत'

मृतका रजनी गुप्ता के परिजनों ने डॉक्टर ऋषि सिंघल पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है. रजनी के भाई और भाजपा नेता अरविंद गुप्ता मारवाड़ी और परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने सर्जरी के दौरान खराब स्टिचिंग (टांके) की, जिसके चलते नस में लीकेज हो गया. लीकेज के कारण रजनी के पेट में फ्लूड (तरल पदार्थ) जमा होता गया और उनके शरीर में गंभीर संक्रमण (इंफेक्शन) फैल गया.

12 जुलाई को रजनी की तबीयत बिगड़ने लगी और उनके पेट में काफी तेज दर्द था. परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने इसे सामान्य सर्जरी का दर्द समझकर दवा दे दी, लेकिन दर्द कम नहीं हुआ. 

बाद में जब एक्स-रे किया गया, तब लीकेज और इंफेक्शन का पता चला. इसके बाद रजनी की मौत हो गई. परिजनों का दावा है कि रजनी गुप्ता पूरी तरह स्वस्थ थीं और अपने पैरों से चलकर अस्पताल गई थीं, लेकिन डॉक्टर की लापरवाही के चलते उनकी मौत हो गई. 

अस्पताल में हुआ हंगामा

रजनी गुप्ता की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. उन्होंने डॉक्टर ऋषि सिंघल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की. हंगामे की सूचना मिलते ही सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया.  

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परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और वे न्याय की मांग कर रहे हैं. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और परिजनों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है. यह मामला एक बार फिर निजी अस्पतालों में सर्जरी के बाद होने वाली कथित लापरवाही और मरीजों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रहा है.

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