Lucknow Crime News: उत्तर प्रदेश की सुर्खियों में इस बीच एक नए नाम की एंट्री हो गई है. यह नया नाम है लखनऊ के छांगुर बाबा का. छांगुर बाबा पर आरोप है कि उसने 12 हिंदू लोगों का मुस्लिम धर्म में धर्मांतरण करा दिया था. अब इन 12 लोगों की 'घर वापसी' कराई गई है. इस बीच एक बड़े रैकेट का भी खुलासा हुआ है. इस मामले में बलरामपुर के जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का नाम सामने आया है, जो अब यूपी एटीएस की जांच के दायरे में है. छांगुर बाबा को लेकर ये पता चला है कि उसने अलग-अलग जातियों की हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण के लिए रेट फिक्स कर रखे थे. खबर में आगे विस्तार से जानिए आखिर छांगुर बाबा की पूरी कहानी क्या है?
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शातिर दिमाग छांगुर बाबा ने किया था ये काम
हैरतअंगेज बात यह सामने आई है कि पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए शातिर दिमाग छांगुर बाबा ने अपने ही करीबी नवीन रोहरा का परिवार संग धर्मांतरण करवाया था. धर्मांतरण के बाद छांगुर बाबा ने उसे अपना नाम जमालुद्दीन दे दिया था. एटीएस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस धर्मांतरण रैकेट को विदेश से करोड़ों की फंडिंग मिल रही थी. और गरीब व मजबूर लोगों को लालच देकर धर्मांतरण के लिए निशाना बनाया जा रहा था.
यूपी ATS ने की ये कार्रवाई
यूपी एटीएस ने छांगुर बाबा और उसके बेटे महबूब समेत 10 लोगों पर नामजद एफआईआर (FIR) दर्ज की है. इस एफआईआर में नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन भी नामजद है, जिसने छांगुर बाबा के साथ इस्लाम स्वीकार किया था. एफआईआर दर्ज होने के बाद यूपी एटीएस ने छांगुर बाबा के बेटे महबूब और नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया था. इन गिरफ्तारियों के बाद से ही छांगुर बाबा फरार हो गया है. नवंबर 2024 को एटीएस थाने में अवैध धर्मांतरण के इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी.
छांगुर बाबा ने लड़कियों के लिए ये रेट के थे फिक्स
इस रैकेट का तरीका बेहद चौंकाने वाला है. गरीब, मजदूर और मजबूर लोगों को लालच देकर धर्मांतरण के लिए टारगेट किया जाता था. अगर कोई बात नहीं मानता था, तो बाबा पुलिस थाने और कोर्ट के जरिए फर्जी मुकदमे दर्ज कराकर प्रताड़ित करता था. जांच में यह भी सामने आया है कि धर्मांतरण के लिए अलग-अलग जाति की लड़कियों को लाने के लिए अलग-अलग रेट फिक्स था:
- ब्राह्मण, सरदार और क्षत्रिय लड़कियों के इस्लाम स्वीकार करने पर 15 से 16 लाख रुपए दिए जाते थे.
- पिछड़ी जाति की लड़कियों के लिए 10 से 12 लाख रुपए का भुगतान किया जाता था.
- अन्य जाति की लड़कियों को 8 से 10 लाख रुपए दिए जाते थे.
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