कानपुर हिंसा: SIT का दावा- भाड़े के पत्थरबाजों ने मचाया था उपद्रव, हवाला से हुई फंडिंग

संतोष शर्मा

• 03:20 PM • 14 Jun 2022

कानपुर में 3 जून को हुई हिंसा के मामले में एसआईटी ने एक बड़ा दावा किया है. एसआईटी के मुताबिक, भाड़े के पत्थरबाजों से हिंसा…

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कानपुर में 3 जून को हुई हिंसा के मामले में एसआईटी ने एक बड़ा दावा किया है. एसआईटी के मुताबिक, भाड़े के पत्थरबाजों से हिंसा करवाई गई थी. उन्नाव और कानपुर के दूसरे मोहल्लों के भाड़े पर पत्थरबाज नौजवानों को बुलाया गया था.

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पुलिस हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी का प्रतिबंधित संगठन सिमी से भी कनेक्शन खंगाल रही है. शुरुआती जांच और पूछताछ के बाद कानपुर पुलिस को कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. कानपुर हिंसा में गठित एसआईटी इन नए तथ्यों पर जांच और सुबूत इकट्ठा करने में लगी है.

बीते 3 जून को कानपुर में हुई जुमे की नमाज के बाद हिंसा एक गहरी साजिश का हिस्सा थी. दावा है कि इस साजिश में हवाला के जरिए फंडिंग भी थी और भाड़े के पत्थरबाजों से हिंसा कराने की प्लानिंग भी. कानपुर हिंसा में जांच कर रही एसआईटी को मुख्य साजिशकर्ता जफर हाशमी से पूछताछ में कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं.

नाम ना छापने की शर्त पर एक पुलिस अफसर ने बताया कि 48 घंटे की रिमांड के दौरान जफर हाशमी ने माना कि 3 जून को हुई हिंसा के लिए उसने भाड़े के पत्थरबाजों को उन्नाव और कानपुर के तमाम इलाकों से बुलाया था. जिन इलाकों से यह भाड़े के पत्थरबाज बुलाए गए थे, उसमें उन्नाव का शुक्लागंज और कानपुर का जाजमऊ, बाबू पुरवा और कल्याणपुर के इलाके हैं. इन इलाकों से नौजवान लड़कों को 500 से 1000 रुपये के भाड़े पर बुलाया गया था.

एसआईटी जफर हयात हाशमी और उसके संगठन और परिवार से जुड़े 5 बैंक खातों को खंगाल रही है. एसआईटी को शक है कि बैंक खातों के बजाय फंडिंग हवाला के जरिए भी की गई है. जफर हयात हाशमी की कुंडली खंगालने में जुटी एसआईटी को जानकारी मिली है कि वह छात्र जीवन में सिमी का सदस्य रहा है और उसी सिमी के नेटवर्क से वह मौजूदा वक्त में पीएफआई के भी कुछ हिमायतदानों के संपर्क में आया था.

एसआईटी के मुताबिक, कानपुर में जिस इलाके में हिंसा हुई वहां स्थित चंद्रेश्वर हाता पर कानपुर के कई नामी-गिरामी बिल्डरों की नजर है. जफर हाशमी और उसकी एसोसिएशन को फाइनेंस करने वाले भी कानपुर के कई नामी-गिरामी बिल्डर रहे हैं.

अब कानपुर पुलिस हाशमी और बिल्डर के कनेक्शन को इस दिशा में भी खंगाल रही है कि कहीं बिल्डरों ने कानपुर में हुई हिंसा को फाइनेंस चंद्रेश्वर हाता खाली कराने के लिए तो नहीं किया था.

अब तक की जांच में आए इन नए तथ्यों को देखते हुए कानपुर पुलिस जफर हयात हाशमी के दोबारा पुलिस कस्टडी रिमांड लेने की तैयारी में जुट गई है. माना जा रहा है कि अगले सप्ताह कानपुर पुलिस एक बार फिर जफर की पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी देगी.

इस संबंध में कानपुर के जेसीपी लॉ एंड आर्डर आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि जांच विस्तृत तौर पर की जा रही है. एसआईटी को कुछ तथ्य मिले हैं जिनके आधार पर जफर हयात हाशमी से दोबारा पूछताछ की जरूरत पड़ सकती है. एसआईटी को जरूरत होगी तो दोबारा रिमांड ली जाएगी.

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