नोएडा पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 2.39 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले दो शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर शख्स को झांसे में लिया और उसे मानव तस्करी के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर मोटी रकम ऐंठ ली. खबर में आगे जानिए क्या है पूरा मामला?
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कैसे हुआ खुलासा?
नोएडा के थाना साइबर क्राइम पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचना के आधार पर आरोपी मुकेश सक्सेना और अनीस अहमद को गिरफ्तार किया है. जानकारी मिली है कि आरोपियों ने पहले पीड़ित को एक कॉल के जरिए खुद को पुलिस अधिकारी बताया और डिजिटल अरेस्ट के जरिए मानसिक दबाव बनाया. इसके बाद मानव तस्करी के फर्जी केस में फंसाने की धमकी देकर 2.39 करोड़ रुपये ठग लिए.
पीड़ित की शिकायत और बैंक खातों की जांच
पीड़ित की शिकायत के बाद थाना साइबर क्राइम, नोएडा में केस दर्ज किया गया. जांच के दौरान पुलिस ने समय रहते संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज कर दिया. कार्रवाई के तहत अब तक 6.72 लाख रुपये रिकवर कर लिए गए हैं और उन्हें पीड़ित को रिफंड कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
कौन हैं ये अपराधी?
गिरफ्तार आरोपी मुकेश सक्सेना (50 वर्ष) मुरादाबाद का रहने वाला है और एकाउंट्स का काम करता है. आर्थिक तंगी के कारण वह अनीस अहमद के संपर्क में आया था. वहीं, अनीस (39 वर्ष) फर्जी बैंक अकाउंट्स आगे ठगो को उपलब्ध करवाता था. जिसमें ठगी के पैसे आया करते थे.
बड़े नेटवर्क का हुआ खुलासा
जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि अनीस अहमद के बैंक खातों से संबंधित ठगी की राशि करीब 12 करोड़ रुपये है. उसके खिलाफ 15 अलग-अलग राज्यों से NCRP पोर्टल पर शिकायतें दर्ज हैं. वहीं, मुकेश सक्सेना के खातों से करीब 2 करोड़ रुपये की ठगी से जुड़ी 18 शिकायतें दर्ज हैं.
पुलिस की अगली कार्रवाई
फिलहाल पुलिस इस गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है. माना जा रहा है कि यह एक संगठित साइबर ठगी नेटवर्क है जो देशभर में फैला हुआ है और डिजिटल अरेस्ट जैसे नए-नए तरीकों से लोगों को शिकार बना रहा है
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