प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में एक और सेमीकंडक्टर फैक्ट्री खोलने को मंजूरी मिल गई है. यह फैक्ट्री भारत की आईटी कंपनी HCL और ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Foxconn मिलकर लगाएंगे. यह प्लांट यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के पास बनेगा, जो जेवर एयरपोर्ट के करीब है. इस यूनिट को देश की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है. यह प्लांट भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत स्थापित होने वाली छठी यूनिट होगी, जबकि देशभर में पांच अन्य यूनिट पहले ही निर्माण के उन्नत चरण में हैं.
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किस चीज़ का होगा उत्पादन?
- इस प्लांट में मोबाइल फोन, लैपटॉप, गाड़ियों, टीवी और कंप्यूटर जैसी डिवाइसेज में लगने वाली 'डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स' बनेंगी.
- हर महीने 20,000 वेफर बनाए जाएंगे.
- इससे 3.6 करोड़ चिप्स का मासिक उत्पादन होगा.
इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस यूनिट की उत्पादन क्षमता 20,000 वेफर प्रति माह होगी और यह प्रतिमाह 3.6 करोड़ डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण करेगी. इस परियोजना में कुल 3,706 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “सेमीकंडक्टर की दुनिया में भारत की प्रगति जारी है! उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना का आज का कैबिनेट निर्णय विकास और नवाचार को बढ़ावा देगा. यह हमारे युवाओं के लिए अनगिनत अवसर पैदा करेगा.”
कितनी लागत और क्या होगा फायदा?
इस सेमीकंडक्टर यूनिट में ₹3706 करोड़ का निवेश किया जाएगा. यह कदम देश को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा फैसला माना जा रहा है.
क्या हो रहा है देशभर में?
- देशभर में सेमीकंडक्टर से जुड़ी तकनीक पर तेज़ी से काम हो रहा है.
- 270 कॉलेज और 70 स्टार्टअप्स इसमें शामिल हैं
- छात्रों द्वारा बनाए गए 20 सेमीकंडक्टर डिज़ाइन अब SCL मोहाली में तैयार हो रहे हैं
दुनिया की बड़ी कंपनियां भी भारत में
भारत में अब सेमीकंडक्टर निर्माण को सपोर्ट करने वाली विदेशी कंपनियां भी आ रही हैं. भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूती देने के लिए एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च जैसी वैश्विक उपकरण निर्माण कंपनियां पहले ही भारत में अपने ऑपरेशन शुरू कर चुकी हैं. वहीं, Merck, Linde, Air Liquide, Inox जैसी गैस और केमिकल सप्लाई कंपनियां इस क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हो रही हैं.
क्यों जरूरी है सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री?
- आज के डिजिटल दौर में सेमीकंडक्टर चिप्स हर चीज़ में लगती हैं.
- मोबाइल, कंप्यूटर, कार, मशीनें, मेडिकल डिवाइसेज़, डिफेंस और स्मार्ट टीवी तक.
- इसलिए भारत के पास खुद की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री होना आत्मनिर्भरता के लिए बहुत जरूरी है.
जेवर में बनने वाला यह नया प्लांट भारत के लिए तकनीक, रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए रास्ते खोलेगा. HCL-Foxconn का ये प्रोजेक्ट न सिर्फ यूपी की तस्वीर बदलेगा, बल्कि भारत को दुनिया की चिप बनाने वाली ताकतों में शामिल करेगा.
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