इटावा में जिन कथावाचकों संग हुई बदसलूकी वे दोनों हैं अब 'गायब', फोन स्विच ऑफ... कहां हैं मुकुट मणि और संत यादव 

Etawah News: जाति पूछकर कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत यादव की पिटाई मामले में ट्विस्ट सामने आया है. जानकारी मिली है कि दोनों कथावाचक फिलहाल गायब चल रहे हैं.

इटावा में यादव कथावाचकों से हुई थी अभद्रता. (File)

Etawah News: इटावा में भागवत कथा के दौरान कथित तौर पर जाति पूछकर कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत यादव की पिटाई मामले में ट्विस्ट सामने आया है. जानकारी मिली है कि इस घटना के बाद से ही दोनों यादव कथावाचक अपने घर से 'गायब' हैं. दरअसल इटावा के इस मामले की झांसी पुलिस जांच कर रही है. जब पुलिस कथावाचकों के घर पहुंची तो वहां ताला लटका हुआ मिला. पुलिस ने जब दोनों को कॉल किया तो उनका फोन स्विच ऑफ आया. इसके बाद पुलिस ने जब लोगों से दोनों के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि मुकुट मणि यादव और संत यादव परिवार सहित घटना के बाद से गायब हैं. 

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झांसी पुलिस कर रही जांच, 90 दिन में सौंपनी है रिपोर्ट

इटावा में हुई पिटाई, चोटी काटने और कथित तौर पर मूत्र छिड़कने के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद इसकी जांच झांसी पुलिस को सौंपी गई है. झांसी के एसएसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने पूंछ थाना प्रभारी जेपी पाल को इस जांच टीम का प्रभारी बनाया है, जिन्हें 90 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है. 

जांच टीम पूरे मामले की तह तक जाने के लिए इटावा पहुंची थी. टीम ने घटनास्थल, कार्यक्रम स्थल और गांव का गहन निरीक्षण किया. स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत कर उनके बयान भी दर्ज किए गए. इसके बाद, जांच टीम प्रभारी कथावाचकों के बताए पते पर गांव अछल्दा पहुंचे. लेकिन, वहां उनके घरों पर ताला लगा हुआ मिला. फोन पर संपर्क करने का प्रयास करने पर उनके फोन भी बंद जा रहे थे. 

दो-दो आधार कार्ड और 'ब्राह्मण' होने का दावा

इस पूरे विवाद में एक और चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब दोनों कथावाचकों के दो-दो आधार कार्ड सामने आए थे. इन दोनों आधार कार्ड का नंबर एक ही था और उन पर एक ही व्यक्ति की फोटो भी लगी थी, लेकिन उन पर नाम अलग-अलग थे. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. 

'छेड़खानी' का आरोप और महिलाओं की शिकायत

इस मामले में एक पीड़ित महिला रेनू तिवारी ने अपना पक्ष रखते हुए बताया है कि ये कथावाचक उनके यहां कथा कहने पहुंचे थे. रेनू तिवारी के अनुसार, "पहले दिन की कथा समाप्त होने के बाद जब हम लोग भोजन करवा रहे थे, उस समय कथावाचक ने अंगुली पकड़कर हमारे साथ बदतमीजी की और छेड़खानी कर दी." उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने पति को यह बात बताई, तो वहां मौजूद लड़के आक्रोशित हो गए. रेनू तिवारी ने पुलिस अधिकारी से इसकी शिकायत की है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि "यह लोग फर्जी तरीके से ब्राह्मण बनकर आए थे और आधार कार्ड भी फर्जी बनवा रखे थे."

क्या है पूरा मामला?

यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब मुख्य कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत कुमार यादव इटावा के दांदरपुर गांव में कथा कहने गए थे. इन दोनों का दावा है कि पहले दिन की कथा के बाद ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने उन्हें टोका और उनकी जाति पूछी. जब उन्होंने खुद को यादव समाज का बताया, तो उन लोगों ने उन्हें बंधक बनाकर पीटा. कथावाचकों का आरोप है कि भीड़ ने उन्हें "फर्जी कथावाचक" कहा. आरोप है कि भीड़ ने कथावाचक के सहायक की चोटी और बाल काट दिए, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ है. एक महिला के जबरन पैर छुआए गए और साथ ही नाक रगड़ने को भी मजबूर किया गया. अंत में कथित तौर पर मूत्र का छिड़काव करने के बाद उन्हें छोड़ा गया. 

पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं, बाद में आरोपी महिला (रेनू तिवारी) ने भी कथावाचकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है, जिससे यह मामला और भी पेचीदा हो गया है. 

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