हेयर ट्रांसप्लांट बना मौत का कारण: कानपुर केस से सबक लें, जानिए डॉ. अनुष्का से क्या गलतियां हुईं और किन बातों का रखें ध्यान

कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद दो इंजीनियरों की मौत ने इस प्रक्रिया की लापरवाही को उजागर किया. जानें डॉक्टर से क्या गलतियां हुईं और कैसे बच सकते हैं.

सिमर चावला

• 12:02 PM • 16 May 2025

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कानपुर में हुए हेयर ट्रांसप्लांट केस ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. दो युवा इंजीनियर्स की इस प्रक्रिया के बाद मौत हो गई और एक मरीज की जान मुश्किल से बचाई जा सकी. यह मामला केवल डॉक्टर की लापरवाही ही नहीं, बल्कि एक बड़े हेल्थ सिस्टम की खामी की ओर इशारा करता है. अगर आप भी हेयर ट्रांसप्लांट करवाने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है.

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क्या हुआ कानपुर में?

फर्रुखाबाद के रहने वाले इंजीनियर मयंक और एक अन्य युवक ने कानपुर की डॉक्टर अनुष्का तिवारी के क्लीनिक में हेयर ट्रांसप्लांट करवाया था. ऑपरेशन के तुरंत बाद ही उनके चेहरे पर भयंकर सूजन आ गई, असहनीय दर्द हुआ और कुछ घंटों में ही हालत बिगड़ गई. मयंक की बहन वंशिका ने आरोप लगाया कि डॉक्टर को एनेस्थीसिया की बेसिक तकनीक तक नहीं आती थी. सिर में इंजेक्शन लगाने से पहले जो बैंड माथे पर बांधना चाहिए, वह नहीं बांधा गया, जिससे एनेस्थीसिया चेहरे तक फैल गया और सूजन बढ़ती गई.

किन बातों का रखें ध्यान?

एलएलआर हॉस्पिटल कानपुर के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. देव प्रकाश शिवहरे के अनुसार, हेयर ट्रांसप्लांट से पहले एनेस्थीसिया देने की प्रक्रिया बेहद सावधानी से की जानी चाहिए। इसके लिए कुछ जरूरी नियम हैं:

माथे पर बैंड बांधना जरूरी:

जब सिर में लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है, तो माथे पर एक टाइट पट्टी बांधी जाती है ताकि दवा नीचे चेहरे तक न फैले. यह सूजन और दुष्प्रभाव से बचाता है.

एनेस्थीसिया का टेस्ट जरूरी:

डॉक्टर को पहले पेशेंट के हाथ पर एनेस्थीसिया लगाकर उसकी प्रतिक्रिया देखनी चाहिए. अगर कोई रिएक्शन होता है तो ऑपरेशन टाल देना चाहिए.

सर्टिफाइड और ट्रेंड डॉक्टर होना चाहिए:

हेयर ट्रांसप्लांट केवल वही डॉक्टर कर सकते हैं जिन्हें इस प्रोसीजर की उचित ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन मिला हो.

साफ-सुथरे और सेनीटाइज्ड हाथ:

जो टेक्निशियन हेयर ट्रांसप्लांट कर रहे हैं, उनके हाथ पूरी तरह से सेनीटाइज होने चाहिए. संक्रमित हाथ से ऑपरेशन करना जानलेवा हो सकता है.

डॉक्टर की लापरवाही बनी मौत की वजह

मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर अनुष्का तिवारी के पास न तो ट्रेंड स्टाफ था, न ही ऑपरेशन से पहले जरूरी टेस्ट किए गए। ना तो माथे पर पट्टी बांधी गई, न ही एनेस्थीसिया का शरीर पर असर जांचा गया.

विशेषज्ञों की राय

डॉ. रितेश, जो कि 'फेस वैल्यू क्लीनिक' के मालिक हैं, कहते हैं कि हेयर ट्रांसप्लांट बेहद सेफ प्रक्रिया है बशर्ते इसे सही तरीके से किया जाए. मौत की मुख्य वजह होती है या तो अत्यधिक ब्लीडिंग या फिर ड्रग रिएक्शन. इसलिए सभी प्री-प्रोसीजर टेस्ट अनिवार्य हैं. ऑपरेशन के बाद भी माथे पर नियंत्रित बैंडिंग जरूरी है ताकि एनेस्थीसिया चेहरे पर न फैले.

नतीजा: सही डॉक्टर चुनना सबसे जरूरी

अगर हेयर ट्रांसप्लांट किसी प्रोफेशनल डॉक्टर और ट्रेंड टीम द्वारा किया जाए, तो यह पूरी तरह सुरक्षित है. लेकिन गलत हाथों में जाने से यह जानलेवा बन सकता है। कानपुर केस में कई मानकों की अनदेखी की गई, जिसके नतीजे बेहद दुखद रहे.
 

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