उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में लगातार यमुना का पानी खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में गोकुल बैराज के 22 गेट खोल दिए गए हैं. बता दें कि 82 हजार क्यूसेक पानी लगातार गोकुल बैराज से आगरा की ओर डिस्चार्ज किया जा रहा .ऐसे में ना केवल मथुरा बल्कि आगरा के लोगों में भी इसे लेकर डर बना हुआ है. यमुना का विश्राम घाट पूरी तरह से यमुना में पूरी तरह डूब चुका है. मान्यता है कि कृष्ण जन्म के बाद इसी घाट से वसुदेव जी कान्हा को लेकर गए थे.
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मथुरा में इस समय यमुना हथिनी कुंड और ओखला बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी की वजह से चेतावनी के निशान से ऊपर बह रही है. फिलहाल ये खतरे के निशान से मजह 1 फीट नीचे बहने के कारण अब यमुना के करीब रहने वाले लोगों को डराने लगी है. यमुना का यह रौद्र रूप अगले तीन दिन तक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. क्योंकि दिल्ली से छोड़ा गया पानी तीन दिन बाद मथुरा पहुंचता है.
एडीएम वित्त एवं राजस्व पंकज कुमार ने क्या बताया
वहीं जे ई गोकुल बैराज सत्येंद्र सिंह ने कहा कि 'यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है और लगातार दिल्ली और पीछे से छोड़े गए पानी को नजर बनाए हुए हैं. एडीएम वित्त एवं राजस्व पंकज कुमार ने बताया कि यमुना में लगातार जल को वृद्धि को देखते हुए यमुना किनारे रहने वाले लोगों को पशुओं के साथ शिफ्ट होने के लिए चेतावनी दे दी गई है. एडीएम ने बताया कि यमुना में बढ़ते जलस्तर के हालातों को देखते हुए शेल्टर होम बनाए गए हैं. यहां लोगों के रहने के लिए और खाने पीने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर अभी पीछे से और अधिक जल छोड़ जाएगा तब खतरे की संभावना ज्यादा रहेगी लिहाजा प्रशासन अलर्ट मोड पर है.
उन्होंने बताया कि श्रद्धालु बाढ़ की स्थिति को देखते हुए दूर से ही पूजा अर्चना कर रहे हैं. जिला प्रशासन के द्वारा लगातार अनाउंस किया जा रहा और लाइव जैकेट के साथ तैराक घाटों पर तैनात कर दिए हैं ताकि किसी भी श्रद्धालुओं के साथ कोई अनहोनी ना हो सके. वहीं यमुना के निर्मल स्वस्छ और विकराल स्वरूप को देखकर श्रद्धालुओं को एक अलग ही आनंद की अनुभूति हो रही है.'
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