Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में समाजवादी पार्टी के राज्यसभा से दलित सांसद रामजी लाल सुमन को एक बार फिर स्थित आवास पर नजर बंद कर लिया गया. यह कार्रवाई उस वक्त हुई जब वे एटा में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने की घटना के विरोध में कलेक्ट्रेट पर धरना देने के लिए रवाना होने वाले थे. पुलिस ने अलीगढ़ के डीआईजी के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए सांसद को उनके आवास से निकलने से रोक दिया. मौके पर भारी पुलिस बल और पीएसी तैनात कर दी गई. सड़क पर बैरिकेडिंग कर दी गई ताकि कोई भी अंदर-बाहर न जा सके. सांसद के समर्थन में बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता उनके आवास के बाहर जमा हो गए.
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इस पूरी कार्रवाई से नाराज सांसद रामजी लाल सुमन ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "हमें गोली मरवा दो, जेल भिजवा दो. हम कोई अपराधी नहीं हैं, फिर भी आतंकवादी जैसा बर्ताव किया जा रहा है." सुमन ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों को उनके संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करने दिया जा रहा. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या जैसा है.
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सांसद की यह नजरबंदी कोई पहली बार नहीं हुई है. इससे पहले भी उन्हें मथुरा और अलीगढ़ में जन आंदोलन में भाग लेने से रोका गया था. एटा में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने की घटना के बाद से दलित समाज और सपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश है. सपा सांसद इसी मामले में पीड़ितों से मिलने और विरोध प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे थे.
सपा कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई को दलित विरोधी मानसिकता करार दिया है. उनका कहना है कि सरकार असहमति की आवाज को दबा रही है.
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