उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. इस बीच थाना ताजगंज क्षेत्र के ग्राम बुढ़ाना में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. गांव के पास यमुना नदी में बाढ़ के पानी से बने टापू पर चार लोग फंस गए थे. इन चारों के पानी में फंसे होने की जानकारी मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इनका रेस्क्यू किया है.
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टापू पर फंसे लोगों की सूचना मिलते ही चौकी तोरा थाना ताजगंज पुलिस ने राजस्व विभाग और जल चौकी ताज सुरक्षा पुलिस को अलर्ट किया. इसके बाद जल पुलिस टीम स्टीमर के जरिए त्वरित कार्रवाई करते हुए टापू पर पहुंच गई. फिर टापू पर फंसे रुस्तम, भीकम सिंह उनकी पत्नी और बेटे रोहित को बारी-बारी से स्टीमर में बैठाकर बाढ़ के पानी से सुरक्षित बाहर निकाला गया.
डूब गए शमशान घाट
यमुना का रौद्र रूप अब शहर तक दिखाई दे रहा है. पोईया शमशान घाट पूरी तरह पानी में डूब चुका है जिससे अंतिम संस्कार में भी दिक्कत हो रही है. एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने पोईया घाट का निरीक्षण किया और हालात का जायजा लिया है. नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से किसानों की फसलें भी जलमग्न हो गई हैं. कई गांवों में घर और मकान डूब गए हैं. ग्रामीणों को खाने-पीने के सामान और पशुओं के चारे तक की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. तलहटी के गांव में इंसान और पशु बाढ़ के पानी में फंस गए हैं. गांव वालों ने अपने सामान को बाढ़ के पानी से बचाने के लिए नया आविष्कार कर लिया है.
ग्रामीणों ने एक खाट के नीचे दो ट्यूब लगा दिए हैं. ऐसे में खाट पानी में तैर रही है. लोगों ने एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर लंबी रस्सी बांध दी है. खाट पर घर का सामान रखकर रस्सी के सहारे बाढ़ के पानी को पार कर सामान बचाया जा रहा है.
तेजी से बढ़ रहा पानी का स्तर
जल विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक यमुना नदी पर पानी का स्तर 151.645 मीटर पहुंच गया है जो अलर्ट स्तर 151.400 मीटर से ऊपर है. खतरे का स्तर 152.400 मीटर तय है. चंबल नदी (पिनाहट) पर गेज 124.10 मीटर दर्ज किया गया है. यहां पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है हालांकि अभी खतरे के निशान से नीचे है. हालात को देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है और ग्रामीणों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है.
एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने कहा कि काफी लोग इकट्ठा होकर बाढ़ को देखने आए हैं. मेरी सबसे अपील है कि नदी के पानी से दूर रहें. गांव मेहरा नाहरगंज के 40 परिवारों को रोका गया है उनका खाना प्राथमिक विद्यालय में चल रहा है.
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