गौतमबुद्ध नगर में यमुना का सैलाब! 3800 से ज्यादा लोगों को किया गया रेस्क्यू, अभी कुछ ऐसे हैं हालात
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में आई बाढ़ ने गौतमबुद्ध नगर में लोगों को परेशानी में डाल दिया है. जिला प्रशासन ने बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए अब तक 3800 से अधिक लोगों को बाढ़ प्रभावित गांवों से सुरक्षित निकाला है.
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हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में आई बाढ़ ने गौतमबुद्ध नगर में लोगों को परेशानी में डाल दिया है. जिला प्रशासन ने बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए अब तक 3800 से अधिक लोगों और ,471 मवेशियों को बाढ़ प्रभावित गांवों से सुरक्षित निकाला है. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके जेवर और सदर तहसील के गांव हैं. यहां से हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है.
युद्ध स्तर पर जारी है बचाव कार्य
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ (NDRF) की दो टीमें, पीएसी (PAC) की एक यूनिट, दमकल कर्मी और लोकल पुलिस की टीम को लगाया गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में 10 नावें लगातार चल रही हैं और जल्द ही राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) की एक टीम भी आठ अतिरिक्त नावों के साथ बचाव कार्य में शामिल हो जाएगी.
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (वित्त एवं राजस्व) अतुल कुमार ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि बाढ़ से प्रभावित लगभग 3800 लोगों और 1471 मवेशियों को सुरक्षित निकाला गया है. यमुना में जलस्तर बढ़ने से कुल 18 गांव प्रभावित हुए हैं. प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए टेंट में 276 लोगों को पहुंचाया गया है. जेवर के करीब 25 गांवों में फसलें भी प्रभावित हुई हैं. उन्होंने यह भी बताया कि 400 से अधिक राहत किट बांटी जा चुकी हैं और तीन हेल्पलाइन नंबर (0120-2978231, 2978232, 2978233) जारी किए गए हैं.
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राहत शिविरों में मिल रही मदद
बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए प्रशासन ने राहत शिविर स्थापित किए हैं. एसडीएम (सदर) आशुतोष गुप्ता ने बताया कि लगभग 3,000 लोगों को शिविरों में पहुंचाया गया है, जहां उनके लिए भोजन की नियमित व्यवस्था की गई है. करीब 3500 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है और मेडिकल टीमें भी अलर्ट पर हैं. प्रशासन सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर भी राहत प्रयासों में जुटा हुआ है.
दनकौर और नॉलेज पार्क पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. गुरुवार को एनडीआरएफ और पुलिस की टीमों ने यहां फंसे 35 और लोगों को बचाया. यमुना के पास के कई फार्महाउस भी पानी में डूब गए हैं और वहां रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
यमुना में लगातार बढ़ रहा पानी सिर्फ ग्रामीण इलाकों तक सीमित नहीं है. भारी बारिश के बाद दिल्ली और नोएडा के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. शुक्रवार सुबह 7 बजे सिग्नेचर ब्रिज पर यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा था. दिल्ली में यमुना के लिए चेतावनी का स्तर 204.5 मीटर और खतरे का निशान 205.33 मीटर है. मौसम विभाग (IMD) ने नोएडा के लिए अगले दो दिनों तक आंशिक रूप से बादल छाए रहने का पूर्वानुमान लगाया है. 7 सितंबर को बारिश और गरज-चमक की संभावना है.