सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी की चौथी बीवी रुमाना परवीन कैमरे पर आईं और अपने रिश्तों पर ये सब बोल गईं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को झटका देते हुए उनकी चौथी पत्नी रूमाना नदवी को 30000 मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया. जानें रूमाना नदवी (आगरा) की पूरी कहानी, जिन्होंने पति के संपर्क टूटने के बाद कोर्ट में अपने हक की लड़ाई लड़ी.

Rumana Nadvi

अरविंद शर्मा

17 Oct 2025 (अपडेटेड: 17 Oct 2025, 12:06 PM)

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर के समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद मोहिबुल्लाह नदवी के खिलाफ उनकी पत्नी रूमाना नदवी द्वारा दायर भरण-पोषण याचिका पर बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने आदेश दिया है कि सांसद नदवी को अपनी चौथी पत्नी रूमाना नदवी को हर महीने 30000 गुजारा भत्ता देना होगा. रूमाना का मायका आगरा में है. इस बीच रूमाना से यूपी Tak ने खास बातचीत की है. 

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रूमाना ने UP तक से बातचीत में अपने वैवाहिक जीवन की पूरी कहानी साझा की है. उन्होंने बताया कि उनकी शादी मोहिबुल्लाह नदवी से एक रिश्तेदार की मध्यस्थता के बाद हुई थी. शादी के एक साल बाद एक बेटा हुआ. रूमाना के मुताबिक, "मेरे पति ने मेरे पिता को फोन कर कहा कि वक्फ से जुड़ा एक मसला चल रहा है, इसलिए कुछ समय के लिए रूमाना को मायके भेज रहे हैं." पिता ने इस पर सहमति दे दी और रूमाना मायके चली गईं. 

रूमाना ने कहा कि इसके बाद मोहिबुल्लाह नदवी ने कभी पलटकर नहीं देखा. उन्होंने बताया कि शुरुआत में सांसद की तरफ का एक व्यक्ति आया था, जिसने मसले को निपटाने की बात की थी. लेकिन मध्यस्थता की पेशकश मान्य नहीं हुई. बाद में जब उन्होंने अपने पति से संपर्क करने की कोशिश की, तो उनके सभी मोबाइल नंबर बंद मिले.

रूमाना ने बताया कि इसके बाद उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया और अपने हक के लिए मुकदमे किए. पहले अदालत ने 4000 रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता तय किया था, जिसे 2020 में बढ़ाकर 10000 रुपये किया गया. इसी आदेश के खिलाफ अपील हाईकोर्ट में की गई थी जिस पर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नया फैसला सुनाते हुए 30000 रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया है. 

गौरतलब है कि कोर्ट ने मोहिबुल्लाह नदवी को निर्देश दिया है कि वे 30 दिनों के भीतर 55000 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट मध्यस्थता केंद्र में जमा करें. इसमें से 50000 रुपये उनकी पत्नी को पहली पेशी पर दिए जाएंगे, जिनमें 30000 रुपये पिछली बकाया भरण-पोषण राशि के रूप में समायोजित होंगे. जबकि 5000 रुपये मध्यस्थता केंद्र में जमा रहेंगे.

यहां देखें रूमाना से बातचीत का पूरा वीडियो:

 

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