करोड़ों की संपत्ति के लिए 8 महीने की बच्ची संग फर्जी निकाह के तैयार करवा लिए गए दस्तावेज! जौनपुर का ये मामला चौंका देगा

UP News: यूपी के जौनपुर से ठगी का ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को चौंका दिया है. यहां 8 महीने की बच्ची संग निकाह के दस्तावेज तैयार करवा लिए गए, जिससे करोड़ों की संपत्ति पर दावा किया जा सके.

Jaunpur news

आदित्य भारद्वाज

17 Oct 2025 (अपडेटेड: 17 Oct 2025, 06:30 PM)

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UP News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर से ठगी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां जमीन हड़पने के लिए 8 महीने की बच्ची के साथ निकाह के फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए गए. यहां तक की कागजों पर चकबंदी अधिकारी का फर्जी आदेश भी जारी कर दिए गए और अभिलेखों में अपना नाम दर्ज करवा लिया गया.

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बता दें कि धोखाधड़ी की परत खुलने के बाद पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है. फिलहाल सभी आरोपी अपना-अपना घर छोड़कर फरार हो गए हैं.

जौनपुर में ये क्या हुआ?

मिली जानकारी के मुताबिक, जौनपुर के खेतासराय थाना क्षेत्र के मानीकला गांव निवासी कमालुद्दीन ने अपनी करोड़ की संपत्ति इकलौती बेटी नफीसा के नाम वसीयत की थी. साल 1977 में कमालुद्दीन का निधन हो गया. उस वक्त उनकी बेटी नफीसा की उम्र एक साल थी. 12 साल की उम्र में 22 जुलाई 1988 को नफीसा की भी मौत हो गई, जिसके चलते पूरी संपत्ति कमालुद्दीन की तीन बहनों के नाम हो गई.

इसी दौरान गांव के गयासुद्दीन और कुछ अन्य लोगों की नजर कमालुद्दीन की संपत्ति पर पड़ गई. फर्जी दस्तावेज तैयार कर गयासुद्दीन ने खुद को नफीसा का पति घोषित कर दिया. इस दौरान साल 1977 का फर्जी निकाह प्रमाण पत्र तैयार किया गया. निकाह के दस्तावेज के अनुसार नफीसा की उम्र उसे वक्त 8 महीने के करीब थी.

फर्जी दस्तावेज तैयार हो गए

गयासुद्दीन और अन्य लोगों ने न सिर्फ फर्जी निकाह के दस्तावेज तैयार किए, बल्कि चकबंदी अधिकारी का जाली आदेश बनाकर राजस्व अभिलेखों में अपना नाम दर्ज करा कर कानूनी तौर पर भू संपत्ति के वारिस बन गए. इसकी जानकारी कमालुद्दीन के भांजे अलकमा को मिली. उसे पता चला कि भू संपत्ति को हथियाने के लिए गड़बड़ी की गई है.

बता दें कि अलकमा ने इसकी शिकायत न्यायिक विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों से की. किसी तरह इस मामले में उच्च अधिकारियों की पहल पर जांच शुरू कराई गई. जांच शुरू हुई तो पता चला कि निकाह प्रमाण पत्र से लेकर विरासत आदेश तक सभी दस्तावेज फर्जी हैं.

पुलिस ने लिया एक्शन

आपको बता दें कि पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. पुलिस ने इस मामले में गयासुद्दीन, सदरूद्दीन, सलमान, तौहीद, फतेह आलम, आशिक अंसारी और अयूब के खिलाफ फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी के तहत केस दर्ज किया है.

इस मामले में जानकारी देते हुए क्षेत्राधिकार शाहगंज ने बताया, मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद तथ्यों के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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