उत्तर प्रदेश के आगरा में मॉनसून के आगमन के साथ ही सांपों का दिखना एक आम बात हो गई है. लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग है. बरसात के मौसम में अब तक सैकड़ों की संख्या में सांप देखे गए हैं जिनमें से वाइल्डलाइफ एसओएस ने 100 सांपों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया है. यह मौसम सांपों के लिए एक तरफ जीवन-मरण का प्रश्न बन गया है क्योंकि उनके प्राकृतिक जगहों में पानी भर रहा है. वहीं दूसरी तरफ इंसानों के लिए चिंता का कारण भी बना हुआ है. विश्व सर्प दिवस के मौके पर वाइल्डलाइफ एसओएस की ताजा रिपोर्ट ने इस गंभीर मुद्दे को फिर से सामने लाया है.
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सांपों के डसने की घटनाएं
हाल ही में जगनेर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना हुई जहां जून महीने में एक मां और उसके दो बच्चों को सांप ने काट लिया था. हालांकि समय पर मिले उपचार से तीनों की जान बच गई और उनकी हालत में सुधार हो रहा है. लेकिन एक और मामला सामने आया जो बेहद दुखद था. दो बच्चों को सोते समय सांप ने काट लिया और परिवार को इसकी भनक तक नहीं लगी. सुबह जब बच्चों में कोई हलचल नहीं दिखी तो उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
वहीं पिनाहट क्षेत्र के गांव विप्रावली में 26 जून को मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई. यहां खेत में मिलन कर रहे सांपों के एक जोड़े को ग्रामीणों ने बेरहमी से डंडों से पीट-पीटकर मार डाला. उन्होंने शवों को जलाने की कोशिश भी की और इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वन विभाग को इसकी जानकारी मिली जिसके बाद वनरक्षक सोनवीर ने तत्काल जांच शुरू की और आरोपी हरिसिंह, प्रमोद और बबलू के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण का कहना है कि, "अब लोग डर की बजाय समझदारी से काम लेते हैं. यह बदलाव न केवल उत्साहजनक है बल्कि सांपों की पारिस्थितिक भूमिका के लिए भी बहुत जरूरी है."
जून से जुलाई के बीच रेस्क्यू किए गए सांपों में शामिल हैं
34 इंडियन रैट स्नेक
23 स्पेक्टेक्ल्ड कोबरा
21 कॉमन वुल्फ स्नेक
और साथ ही कई अन्य प्रजातियां भी जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा गया है.
संस्था की सचिव गीता शेषमणि ने जोर देकर कहा कि, "सांप पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने वाले महत्वपूर्ण शिकारी की भूमिका निभाते हैं. विश्व सर्प दिवस इनके महत्व को समझने और उन्हें सम्मान देने का दिन है."
सर्प विशेषज्ञ बैजूराज एम.वी. के अनुसार, "अधिकांश सांप जहरीले नहीं होते और जब तक उन्हें छेड़ा न जाए वे इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाते. हमारे जागरूकता अभियान का यह असर है कि लोग अब इन्हें मारने की बजाय हेल्पलाइन पर कॉल करते हैं." इस सर्प दिवस पर, वाइल्डलाइफ एसओएस ने लोगों से अपील की है कि सांप दिखने पर घबराएं नहीं बल्कि तुरंत उनकी हेल्पलाइन इमरजेंसी नंबर +91 9917109666 पर कॉल करें और एक जीवन की रक्षा करें.
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