Agra news: हरियाणा के गुरुग्राम से अगवा किए गए छह साल के मासूम बच्चे को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है. इस अपहरण की साजिश किसी गैंग ने नहीं, बल्कि मां-बेटे की उस जोड़ी ने रची थी, जो खुद आगरा के मध्यमवर्गीय इलाके में रहती है. गुरुग्राम पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश कर दिया है.
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पुलिस के मुताबिक, गुरुग्राम के सेक्टर-40 इलाके से 23 जून को एक छह साल का बच्चा लापता हुआ था. जब परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने गंभीरता से छानबीन शुरू की और मानव तस्करी विरोधी शाखा की टीम ने इस केस की कमान संभाली.
कैसे हुआ बच्चे का अपहरण?
आगरा की मधव विहार कॉलोनी का रहने वाला शिवम उस दिन गुरुग्राम में था. वह पहले से ही अपहरण की योजना के साथ निकला था. उसने मासूम बच्चे को टॉफी का लालच देकर अपने साथ ले लिया और ट्रेन से आगरा पहुंच गया.
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मां ने दिया पूरा साथ, छिपाकर रखा घर में
ये अकेले शिवम की प्लानिंग नहीं थी. इस पूरी साजिश में उसकी मां मनोज़ उर्फ संतोष भी शामिल थी. जब वह बच्चा लेकर आगरा पहुंचा तो उसकी मां ने बच्चे को अपने घर में छिपाकर रखा. उनका मकसद था कि वे किसी अमीर निःसंतान दंपत्ति को बच्चा बेच दें और मोटी रकम हासिल करें.
चार दिन की पुलिस रिमांड, मां भी गिरफ्तार
गुरुग्राम पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ब्रांच के एएसआई कुलदीप सिंह के नेतृत्व में 2 जुलाई को शिवम को आगरा से गिरफ्तार किया गया. इसके बाद बच्चे को सुरक्षित बरामद किया गया और कोर्ट में पेश करने के बाद चार दिन की रिमांड पर लिया गया.पूछताछ में जब शिवम ने मां का नाम बताया तो पुलिस ने 6 जुलाई को मां मनोज को भी गिरफ्तार कर लिया. दोनों अब सलाखों के पीछे हैं और पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इनके खिलाफ पहले भी कोई मामला दर्ज है या नहीं.
पुलिस ने बताया कि अगर थोड़ी भी देरी होती तो शायद बच्चा बेच दिया जाता. सौभाग्य से पुलिस ने वक्त रहते कार्रवाई कर मासूम की जिंदगी बचा ली.
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