यूपी में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, कानपुर से पार्टी जिसे देने वाली थी टिकट उसने ही थामा भाजपा का दामन

सिमर चावला

13 Mar 2024 (अपडेटेड: 13 Mar 2024, 02:08 PM)

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और बिहार के सह प्रभारी ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है.

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Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और बिहार के सह प्रभारी ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है. अजय कपूर ने दिल्ली में आज बीजेपी ऑफिस में सदस्यता ग्रहण की. मंगलवार को ही उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. बता दें कि अजय कपूर कानपुर की गोविंदनगर और किदवई नगर सीट से 2002 से 2017 तक तीन बार विधायक चुने गए. जानकारी के मुताबिक इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कानपुर सीट से अजय कपूर को टिकट देने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने पार्टी छोड़ दी.

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लगातार तीन बार रहे हैं विधायक

गौरतलब है कि अजय कपूर कानपुर में एक बड़ा नेता होने के साथ आर्थिक रूप से बहुत मजबूत है.  सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में वह कांग्रेस के सबसे बड़े फाइनेंसर्स में से एक थे, जो पार्टी को फंडिंग करते थे. अजय कपूर कांग्रेस की सरकार लम्बे समय से न होने के बावजूद लगातार तीन बार कानपुर से विधायक बने रहे. पार्टी की शीर्ष लीडरशिप से अच्छे संबंध रहे. 2002 से लेकर 2017 तक गोविंद नगर और किदवई नगर सीट से विधायक रहे जिसके बाद उन्हें बीजेपी के विधायक महेश त्रिवेदी से हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय नेतृत्व में आने का मौका दिया और राष्ट्रीय सचिव और बिहार सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी. 

65 करोड़ से ज्यादा की है संपत्ति

चुनाव में नामांकन के दौरान दी गई जानकारी के अनुसार उनकी कुल संपत्ति करीब 69 करोड़ है. हालांकि बीते 15 सालों में उनकी संपत्ति करीब 14 गुना बढ़ी है. 2007 में नामांकन के दौरान उन्होंने अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी, तब उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 5.28 करोड़ बताई थी. जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान उन्होंने अपनी संपत्ति 31.39 करोड़ बताई थी. 

बिगड़ा कांग्रेस का समीकरण

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी साथ में चुनाव लड़ रहे हैं.  अजय कपूर के लिए ही कांग्रेस ने यह सीट समाजवादी पार्टी से मांगी थी जिसके बाद कानपुर सीट गठबंधन में चली गई थी. लेकिन अजय कपूर के बीजेपी में शामिल होने के बाद इंडिया गठबंधन के लिए कानपुर सीट कमजोर हो गई है और फिलहाल कांग्रेस को यहां से कोई नया प्रत्याशी ढूंढना पड़ेगा.

कानपुर से ये दावेदार

वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने दी कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र की सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है लेकिन कानपुर ही ऐसी सीट है जहां पर अभी भी प्रत्याशियों के नाम पर मंथन चल रहा है. रेस में मालिनी अवस्थी, सतीश महाना, सतेंद्रे पचौरी और उनकी बेटी नीतू सिंह पहले से ही रेस में हैं. ऐसे में अजय कपूर के बीजेपी में शामिल होने के बाद यह मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है. अब देखना है कि आने वाले दिनों में कानपुर में क्या नये समीकरण बनते हैं.
 

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