प्रधानी के चुनाव में पाला बदलने वाले थे बागपत के ऋषिपाल, गोली से छेद दिया गया इनका शरीर

पंचायत चुनाव अभी दूर हैं. लेकिन बागपत में प्रधानी की रंजिश ने अभी से खून की इबारत लिख दी है. कुर्सी की जंग में एक बुज़ुर्ग की जान ले ली गई. वो सिर्फ इसलिए क्योंकि उसने समर्थन बदलने की हिम्मत कर ली थी.

Photo: Rishipal

मनुदेव उपाध्याय

• 04:26 PM • 24 Dec 2025

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UP News: बागपत के बिहारीपुर गांव में 13 दिसंबर की सुबह जब लोग पूरी तरह से जाग नहीं पाए थे तब गांव के बुजुर्ग ऋषिपाल की दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वह रोज की तरह अपनी दुकान खोल रहे थे, उसी वक्त ये वारदात घटी. चश्मदीदों ने दो लोगों को गोली चलाते हुए देखा, लेकिन वे उनका चेहरा नहीं देख पाए. अब सवाल यह उठता है कि आखिर बुजुर्ग ऋषिपाल की हत्या क्यों की गई? तो बता दें कि इस हत्या का लिंक यूपी में होने वाला पंचायत चुनाव से मिला है. 

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ऋषिपाल प्रधानी के चुनाव में करने वाले थे खेल?

बताया गया है कि ऋषिपाल मौजूदा ग्राम प्रधान देवप्रिय के समर्थक थे. लेकिन इस बार वह दूसरे पक्ष के प्रत्याशी अमित को समर्थन देने वाले थे. बस यही बात प्रधान को नागवार गुजरी. उसे डर था कि अगर ऋषिपाल ने खुलकर समर्थन किया तो इस बार प्रधानी की कुर्सी हाथ से निकल सकती है. इसी डर ने जन्म दिया एक खौफनाक साजिश को. 

जिन लोगों ने देवप्रिय का साथ दिया था उनके नाम सामने आए

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि वर्तमान ग्राम प्रधान देवप्रिय ने अपने साथियों प्रियव्रत, ओमवीर, दिनेश और आजाद के साथ मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया. घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी. गांव में दहशत का माहौल था. पुलिस के खुलासे में सामने आया कि हत्या की जड़ प्रधानी चुनाव थी. वहीं बागपत पुलिस ने इस प्रधानी हत्याकांड से पर्दा उठाते हुए सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. 

पुलिस ने कहा है कि प्रधानी चुनाव में हार के डर के कारण हत्या हुई है. ग्राम प्रधान देवप्रिय और उसके साथियों ने हत्या को अंजाम दिया था जिन्हें गिरफ्तार किया गया है. 

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