यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा : प्रिंटिंग प्रेस में रची गई पेपर लीक की साजिश, STF को मिले अहम सबूत

संतोष शर्मा

26 Feb 2024 (अपडेटेड: 26 Feb 2024, 10:10 AM)

उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा कैंसिल होने के बाद UPSTF पेपर लीक करने वालों की तलाश में जुट गई है.

UP Police Bharti

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UP Police Recruitment Exam Cancelled : उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा कैंसिल होने के बाद UPSTF पेपर लीक करने वालों की तलाश में जुट गई है. UPSTF ने इस मामले में भर्ती बोर्ड से परीक्षा संबंधी लिए गए निर्णय, किस एजेंसी के जरिए प्रश्न पत्र बना, विशेष विषय विशेषज्ञों का चयन हुआ और फिर कैसे पेपर प्रिंटिंग प्रेस में छपकर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचा. एसटीएफ ने भर्ती बोर्ड से इसका पूरा ब्यौरा मांगा है. वहीं दूसरी तरफ भर्ती बोर्ड अभ्यर्थियों के द्वारा मिली आपत्तियां के साथ मिले सबूत के आधार पर एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में जुटा है. संभावना है कि सोमवार को भर्ती बोर्ड के सचिव की तरफ से FIR दर्ज करवाई जाएगी. 

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सीएम योगी ने हुए सख्त

रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेपर लीक करने वाले माफियाओं पर नजीर पेश करने वाली कार्रवाई का एलान किया है. वही दूसरी तरफ यूपीएसटीएफ ने भी पुलिस का पेपर लीक करने वाले सॉल्वर्स के सिरे जोड़ना शुरू कर दिया है. शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस भर्ती परीक्षा कैंसिल कर एसटीएफ से जांच का आदेश दिया. दरअसल, इस पूरी परीक्षा के दौरान सॉल्वर गैंग पर नकेल कसने के लिए एसटीएफ की टीमें पहले से लगी थी. सूत्रों की माने तो एसटीएफ को 17 फरवरी की दूसरी पाली की परीक्षा के बाद ही पकड़े गए सॉल्वर और अभ्यर्थियों के पास से पेपर लीक संबंधी सुबूत मिल गए थे. पकड़े गए अभ्यर्थियों और उनके मददगार, व सॉल्वर के पास सिपाही भर्ती का पेपर पहले से ही मौजूद था. 

UPSTF ने मांगी ये जानकारी

एसटीएफ को पहले ही आशंका हो चली थी कि सिपाही भर्ती का पेपर लीक हो गया है. अब एसटीएफ ने इस मामले में जांच करते हुए जहां सोमवार को इस पूरे मामले को उजागर करने वाले दिल्ली के कोचिंग संचालक विवेक कुमार को सोशल मीडिया पर वायरल पेपर लीक के नेटवर्क को समझने के लिए बुलाया है. वहीं एसटीएफ ने भर्ती बोर्ड से कुछ आम जानकारियां मांगी हैं. एसटीएफ ने पूछा है की परीक्षा कितनी एजेंसियों की मदद से करवाई गई. किस एजेंसी का क्या रोल था. परीक्षा का प्रश्न पत्र बनाने के लिए विशेषज्ञों का चयन किसने और कैसे किया? विषय विशेषज्ञों के द्वारा बनाए गए प्रश्न पत्र कैसे एक साथ कंपाइल कर एक पूरा प्रश्न पत्र तैयार कर किस प्रिंटिंग प्रेस में भेजा गया.

परीक्षा के कई दिन पहले ही लीक हो गया था पेपर

सूत्रों की माने तो आशंका है यह प्रश्न पत्र परीक्षा से एक या दो दिन पहले नहीं कई दिन पहले ही लीक हो गया था. आशंका है कि यह  प्रश्न पत्र हैंडरिटेन फॉर्मेट में तैयार होने से लेकर प्रिटिंग प्रेस में छपने के बीच ही लीक किया गया. आशंका यह भी है कि इस पेपर को लीक कर पैसा बनाने का धंधा पहले ही हो चुका था. जब परीक्षा पास आई तो ज्यादा पैसा कमाने के लिए या किसी अभ्यर्थी के द्वारा अपनी रकम निकालने के लिए इसे 25 हजार से लेकर 10 हजार में बच्चों के पास भेजा गया और मामला वायरल हो गया.

उठ रहे यें सवाल

वहीं जो पेपर परीक्षा से पहले बॉल पेन से लिखा हुआ वायरल हुआ वही से पेपर का एक सेट लीक हुआ. एसटीएफ अब जानकारी जुटा रही है कि पेपर वायरल करने वाले शख्स को कैसे पता कि यही पेपर परीक्षा में आएगा. भर्ती बोर्ड के द्वारा प्रश्न पत्र के कितने सेट बनवाए गए थे. एक पाली में प्रश्न पत्र के कितने सेट बने थे? और यह सभी प्रश्न पत्र कहां से बने और कहां से कब छपे थे? यही जानकारी से एसटीएफ  इस पेपर लीक की सच्चाई और असल गुनहगार को सामने लाने में जुट गई है.

फिलहाल, पूरे मामले में एसटीएफ को भर्ती बोर्ड के द्वारा दर्ज करवाई जाने वाली एफआईआर का इंतजार है कि आखिर भर्ती बोर्ड अपनी आंतरिक रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर में किसको नामजद करती है. संभावना जताई जा रही है कि सोमवार को भर्ती बोर्ड की तरफ से इस पूरे मामले में लखनऊ के  थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती है.

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